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Israel Hezbollah War: इजरायल बीते कई दिनों से लेबनान पर हमला कर रहा है. इस वजह से हिजबुल्लाह के कई लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें दो सबसे बड़े नाम शामिल हैं- हसन नसरल्लाह और हसन सैफुद्दीन. इनके मारे जाने के बाद हिजबुल्लाह में खौफ का माहौल बन गया था, जिसका नतीजा ये हुआ कि समूह के उप महासचिव और दूसरे-इन-कमांड नईम कासिम इजरायल के हमलों के बीच लेबनान से ईरान भाग गए हैं. यूएई स्थित एरेम न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार 5 अक्टूबर को कासिम ने बेरूत से एक सरकारी विमान में उड़ान भरी, जिसका इस्तेमाल ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने सीरिया और लेबनान की राजकीय यात्रा के लिए किया था.
रिपोर्ट के अनुसार, कासिम को ईरान भेजने का फैसला ईरान के ही शीर्ष नेताओं द्वारा लिया गया था, जो इजरायल द्वारा उनकी हत्या की आशंका से चिंतित थे. कासिम ने 27 सितंबर को इजरायल द्वारा हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की हत्या के बाद से तीन भाषण दिए हैं, जिनमें से एक बेरूत से और दो तेहरान से दिए गए थे.
#BREAKING: Arab media reports Hezbollah deputy leader Naim Qassem fled Lebanon to Iran, fearing assassination by Israel. Qassem reportedly left Beirut with Iran’s foreign minister on Oct. 5, following the elimination of Hezbollah chief Nasrallah and other senior terrorists. pic.twitter.com/esfuHTSJZ9
— Israel War Room (@IsraelWarRoom) October 20, 2024
हिजबुल्लाह के साथ कासिम का सफर
नईम कासिम हिजबुल्लाह के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और संगठन में उनकी भूमिका काफी महत्वपूर्ण रही है. हसन नसरल्लाह की मौत के बाद कासिम ने संगठन में एक अधिक प्रमुख भूमिका निभाई है. उनकी राजनीतिक सक्रियता लेबनान के शिया अमल आंदोलन से शुरू हुई थी, लेकिन 1979 में ईरान की इस्लामी क्रांति के बाद उन्होंने समूह छोड़ दिया और हिजबुल्लाह का हिस्सा बन गए.
हिज्बुल्लाह और इजरायल के बीच बढ़ता संघर्ष
इजरायल और हमास के बीच संघर्ष की शुरुआत के बाद से इजरायल ने कई हिजबुल्लाह नेताओं को निशाना बनाकर मारा है. हिजबुल्लाह, जो ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के समर्थन से 1982 में स्थापित हुआ था, लेबनान में एक प्रमुख शिया आतंकवादी समूह है और इजरायल के लिए लगातार खतरा बना हुआ है.
कासिम, जो हिजबुल्लाह के संसदीय चुनाव अभियानों के सामान्य समन्वयक रहा है. उसने 1992 से संगठन के राजनीतिक और सैन्य अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. हाल के हमलों के बाद, उनकी सुरक्षा को लेकर हिजबुल्लाह द्वारा सतर्क कदम उठाए गए हैं.
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