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दिल्ली में पिछले 30 दिनों से बारिश नहीं हुई है। इस कारण हवा में धूल की मात्रा पांच गुना से ज्यादा बढ़ गई है। राजधानी में 19 सितंबर को आखिरी बार बारिश हुई थी।
दिल्ली में पिछले 30 दिनों से बारिश नहीं हुई है। इस कारण हवा में धूल की मात्रा पांच गुना से ज्यादा बढ़ गई है। राजधानी में 19 सितंबर को आखिरी बार बारिश हुई थी। उस समय दिल्ली-एनसीआर की हवा में पीएम 10 का स्तर 40 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक आ गया था। अब बारिश नहीं होने पर यह सवा दो सौ बना हुआ है।
धूल को प्रदूषण की बड़ी वजह माना जाता है। धूल निर्माण स्थलों, टूटी-फूटी सड़कों और फुटपाथ से उड़ती है। नाले से निकली गाद भी अगर समय से नहीं उठाई जाए तो यह भी सूखकर धूल में तब्दील होने लगती है।
दिल्ली की हवा दिनोंदिन खराब होती जा रही : राष्ट्रीय राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) दिनोंदिन खराब होता जा रहा है। रविवार को 12 इलाकों में एक्यूआई 300 के ऊपर रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, दिल्ली में सुबह साढ़े आठ बजे आर्द्रता का स्तर 91 प्रतिशत रहा।
बारिश की कमी से हवा में मौजूद नमी भी गायब
बारिश नहीं होने से हवा में मौजूद नमी भी गायब हो गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़े बताते हैं कि 20 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे हवा में पीएम 10 का स्तर 225 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा। यानी बारिश नहीं होने के चलते हवा में धूल के स्तर में पांच गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है।
अक्टूबर में सामान्य से सौ फीसदी कम बारिश
दिल्ली में इस बार मॉनसून काफी अच्छा रहा। खासतौर से जून, अगस्त और सितंबर में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई, लेकिन 19 सितंबर के बाद दिल्ली में हल्की-फुल्की बूंदाबांदी भी नहीं हुई। दिल्ली में 20 अक्टूबर तक आमतौर पर 13.8 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए, लेकिन इस बार एक बूंद पानी नहीं गिरा है। यानी बारिश का आंकड़ा सामान्य से सौ फीसदी कम है। अगले एक सप्ताह में बारिश होने की कोई संभावना नहीं दिख रही है।
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