[ad_1]
Delhi AQI: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पॉलूशन की समस्या गहराती नजर आ रही है। दिल्ली के 14 इलाकों में AQI 300 के ऊपर दर्ज किया गया। विस्तृत जानकारी के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट…
दिल्ली में वायु की गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में बनी हुई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यानी सीपीसीबी की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, रविवार शाम को चार बजे बीते 24 घंटे का औसत एक्यूआई 277 दर्ज किया गया। इस बीच हवा के रुख को देखकर ऐसा लगता है कि दिल्ली में प्रदूषण कम होने की बजाय बढ़ने वाला है। वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली का अनुमान है कि अगले तीन दिनों तक दिल्ली की हवा बेहद खराब श्रेणी में पहुंच सकती है।
रफ्तार सुस्त पड़ने से बगड़ सकते हैं हालात
दरअसल, हवा की रफ्तार सुस्त पड़ने से प्रदूषण के स्तर में इजाफा होने का अंदेशा है। इस बीच, रविवार को दिल्ली की हवा खराब श्रेणी में दर्ज की गई। यूं तो दिल्ली के लोग पिछले सप्ताह से ही प्रदूषित हवा में सांस ले रहे हैं। दिल्ली की हवा दशहरे के बाद से ही खराब श्रेणी में चल रही है, लेकिन अब यह परेशानी और बढ़ने वाली है। दिल्ली में अगले तीन दिनों के बीच हवा की रफ्तार ज्यादातर समय 12 किलोमीटर प्रति घंटे से नीचे रहने की संभावना है।
प्रदूषण के बढ़ने की आशंका
धीमी गति से चलने वाली इस हवा के चलते प्रदूषक कण ज्यादा समय तक वायुमंडल में बने रहेंगे और उनका बिखराव धीमा हो जाएगा। खासतौर पर रात के समय हवा शांत पड़ रही है। इसके चलते प्रदूषण के स्तर में और इजाफा होने की संभावना है। वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के मुताबिक 21 से लेकर 23 अक्तूबर के बीच हवा की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में रहने की संभावना है।
277 रहा औसत AQI
रविवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 277 अंक पर रहा। इस स्तर को खराब श्रेणी में रखा जाता है। एक दिन पहले यह सूचकांक 278 के अंक पर था। सीपीसीबी के मानकों के मुताबिक हवा में प्रदूषक कण पीएम 10 का स्तर 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से और पीएम 2.5 का स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से कम रहने पर ही उसे स्वास्थ्यकारी माना जाता है। दिल्ली-एनसीआर की हवा में रविवार की शाम चार बजे पीएम 10 का स्तर 226 और पीएम 2.5 का स्तर 106 रहा।
14 इलाकों में AQI 300 के ऊपर
रविवार को दिल्ली के 35 निगरानी केंद्रों में से 14 ने वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 से ज्यादा यानी बेहद खराब श्रेणी में दर्ज की। इसमें वजीरपुर, आनंद विहार, जहांगीरपुरी, मुंडका और रोहिणी जैसे इलाके शामिल हैं। आनंद विहार का सूचकांक सबसे ज्यादा 375 अंक पर रहा।
इन इलाकों की हवा सबसे खराब
आनंद विहार—375
वजीरपुर—355
जहांगीरपुरी—359
अशोक विहार—312
बुराड़ी क्रॉसिंग—339
द्वारका सेक्टर-8 –317
शादीपुर—303
सोनिया विहार—303
विवेक विहार—316
पीएम 2.5 का स्तर बढ़ने की आशंका
पीटीआई-भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, हाल के वर्षों में पीएम 2.5 की सांद्रता लगभग 500 µग्राम प्रति घन मीटर³ तक पहुंच गई है, जबकि इस अवधि के दौरान 24 घंटे के आधार पर पीएम 10 का स्तर 700 ग्राम प्रति घन मीटर से अधिक हो गया है। मौजूदा वक्त में पीएम 2.5 का स्तर पहले से ही लगभग 110 µग्राम प्रति घन मीटर है। आने वाले हफ्तों में यह आंकड़ा बढ़ने की उम्मीद है। पीएम 2.5 उन सूक्ष्म कणों को कहते हैं जो फेफड़ों और श्वसन मार्ग में सूजन पैदा कर सकते हैं।
किसान जला रहे पराली
विशेषज्ञ प्रदूषण में बढोतरी के लिए मौसमी बदलावों और पराली जलाने में बढ़ोतरी को जिम्मेदार मान रहे हैं। शनिवार को उपग्रह से मिले आंकड़ों के अनुसार, पंजाब में पराली जलाने की 45 घटनाएं सामने आईं। वहीं हरियाणा में 15 और उत्तर प्रदेश में 30 घटनाएं दर्ज की गईं। पीटीआई-भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, 15 सितंबर से 19 अक्टूबर के बीच पराली जलाने की कुल 2,733 घटनाएं दर्ज की गईं। इनमें से पंजाब में 1,393, हरियाणा में 642, यूपी में 687 और दिल्ली में 11 मामले सामने आए हैं। आने वाले दिनों में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ने के आसार हैं।
(पीटीआई-भाषा का इनपुट भी शामिल)
[ad_2]
Source link