[ad_1]
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दावा किया है कि कथित तौर पर बंगले में लगाए गए 10-12 लाख की कीमत वाले टॉयलेट सीट गायब हो गए हैं।
दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने भले ही मुख्यमंत्री आवास खाली कर दिया है, लेकिन इसको लेकर विवाद थमता नहीं दिख रहा है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दावा किया है कि कथित तौर पर बंगले में लगाए गए 10-12 लाख की कीमत वाले टॉयलेट सीट गायब हो गए हैं। भाजपा इससे पहले भी बंगले पर गलत तरीके से करोड़ों रुपए खर्च करने का आरोप लगा चुकी है। भाजपा इस आवास को शीशमहल कहती है।
भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने रविवार को एक सूची जारी करते हुए लिखा कि यह अरविंद केजरीवाल के शीशमहल में लगाए गए इलेक्ट्रिक अप्लायंसेज और गैजेट्स की लिस्ट है। उन्होंने आगे कहा, ‘लेकिन एक आश्चर्य है। पूरी तरह ऑटोमैटिक, सेंसर लगे हुए TOTO स्मार्ट टॉयलेट सीट जिसमें ऑटोमैटिक ओपन-क्लोज सीट, वायरलेस रिमोट, ओटोमैटिक फ्लशिंग हैं, जो केजरीवाल के आराम के लिए लगाए गए थे, गायब हो गए हैं। ऐसे एक टॉयलेट सीट की कीमत करीब 10-12 लाख रुपए है।’
दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने भी दिल्ली के पूर्व सीएम पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने भी आरोप लगाया कि इस आवास से करोड़ों रुपए के टॉयलेट सीट गायब हैं। उन्होंने कहा, ‘खुद को कट्टर ईमानदार कहने वाले केजरीवाल की हकीकत शीशमहल में दिखाई दे रही है। जिस शीशमहल को वह जनता से छिपाना चाहते थे, उसकी इन्वेंटरी सामने सामने आई है। हैरान करने वाली है। एक-एक करोड़ की रेलिंग, कौन लगाता है जी, जो कहते थे कि मैं सरकारी घर नहीं लूंगा। 5 करोड़ के पर्दे कौन लगाता है जी, जो बच्चों की कसम खा रहे थे कि हम सरकारी गाड़ी नहीं लेंगे। 70 लाख के दरवाजे, 9 लाख का फ्रिज और एक-एक टॉयलेट सीट 10-12 लाख की। सुनने में आ रहा है कि 10-15 थी। हैरानी की बात यह है कि आज तक हम सुनते थे कि यूपी के एक पूर्व सीएम के सरकारी घर से टूटियां चोरी हो गईं। इनके घर से तो करोड़ों रुपए की टॉयलेट सीट गायब हो गईं, इसका जवाब तो वह श्रीमान देंगे जो यूज करते थे या पीडब्ल्यूडी के अधिकारी।’
दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने भी आरोप लगाया कि इस आवास में करोड़ों रुपए खर्च किए गए। उन्होंने एएनआई से बातचीत में कहा, ‘जो लिस्ट जारी हुई है, मीडियाकर्मी ही इसे सामने लाए हैं। बड़ी हैरानी वाली बात है कि 5 करोड़ रुपए से अधिक के पर्दे वाला घर, 10-12 लाख रुपए की टॉयलेट सीट, टीवी सेट और तमाम चीजें, 7 स्टार होटल में भी इतने महंगे सामान नहीं होते जैसे उन्होंने शीशमहल में लगाए थे। आम आदमी का दावा करने वाले लोग अगर इस तरह चोरी-छिपे जनता के पैसे से ऐशो-आराम से भरा हुआ महल तैयार करते हैं और फिर छिपाते हैं, सीधे चाबी मुख्यमंत्री आतिशी को सौंपते हैं, तो ऐसा काम किया ही क्यों था। इससे तो उनकी सोच पता चलती है।’
आरोपों पर क्या बोलीं सीएम आतिशी?
रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिल्ली की सीएम आतिशी से भाजपा के आरोपों को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘मैंने कुछ दिन पहले भी कहा था कि यदि भाजपा की केंद्र सरकार को सरकारी आवास दिल्ली के सीएम को नहीं आवंटित करना तो उन्हें मुबारक। वह भाजपा के जिस नेता को चाहें वह घर दे दें। हम दिल्लीवालों की सेवा के लिए आए हैं। हमें घर से गाड़ी से, बंगले से कोई मतलब नहीं है। हम दिल्लीवालों के लिए काम करेंगे, भले ही सड़क पर बैठकर करना पड़े। अगर इन्हें मुख्यमंत्री आवास दिल्ली के मुख्यमंत्री को ना देना है तो हमें फर्क नहीं पड़ता हम दिल्लीवालों के दिल में रहते हैं।’
[ad_2]
Source link