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हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए बड़े पैमाने पर संपर्क कार्यक्रम शुरू किया। संघ की टोलियां लोगों के बीच भाजपा के…
– हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद संघ ने यह फैसला किया नई दिल्ली, एजेंसी। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एक महीने से भी कम समय बचा है। ऐसे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन के पक्ष में जमीन पुख्ता करने के लिए बड़े पैमाने पर संपर्क कार्यक्रम चला रहा है। सूत्रों ने बताया कि 20 नवंबर को होने वाले चुनाव के लिए आरएसएस ने अपने सभी सहयोगी संगठनों के साथ समन्वय कर लोगों से बातचीत करना शुरू कर दिया है।
एक सूत्र ने बताया कि पूरे राज्य में टोलियां बनाई गई हैं और उन्होंने अपने-अपने इलाकों में लोगों तक संदेश पहुंचाना शुरू कर दिया है। सूत्र ने बताया कि प्रत्येक टोली 5-10 लोगों के छोटे समूह के साथ बैठकें कर रही है और अपने-अपने इलाकों के मोहल्लों के परिवारों से बातचीत कर रही है। उसने बताया कि संघ की टोलियां इन बैठकों में सीधे तौर पर भाजपा का समर्थन नहीं करतीं बल्कि राष्ट्रीय हित, हिंदुत्व, सुशासन, विकास, लोक कल्याण और समाज से जुड़े विभिन्न स्थानीय मुद्दों पर गहन चर्चा के माध्यम से लोगों की राय को आकार देती हैं।
सूत्र ने बताया कि टोली का गठन करने से पहले संघ और उसके सहयोगी संगठनों के पदाधिकारियों ने रणनीति तैयार करने के लिए राज्य में सभी स्तरों पर समन्वय बैठकें कीं। यह कदम इसलिए अहम माना जा रहा है कि हाल ही में संपन्न हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद ही संघ ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए यह फैसला किया है। सूत्रों ने बताया कि संघ द्वारा पूरे हरियाणा में अपने सहयोगी संगठनों के साथ समन्वय करके आयोजित की गईं बैठकें राज्य में भाजपा की चुनावी सफलता के पीछे प्रमुख कारणों में से एक थी। हरियाणा में सत्ता विरोधी लहर होने के बावजूद भाजपा राज्य की 90 सीट में से 48 सीट पर जीत हासिल कर लगातार तीसरी बार सत्ता में बनी रही। एक सूत्र ने कहा कि हरियाणा में गठित संघ कार्यकर्ताओं की टोलियों ने राज्यभर में 1.25 लाख से अधिक छोटी-छोटी बैठकें की थीं।
ऐसा माना जाता है कि इस वर्ष हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा के निराशाजनक प्रदर्शन के पीछे आरएसएस कार्यकर्ताओं में उत्साह की कमी का होना एक प्रमुख कारण था।
सूत्रों के अनुसार, विधानसभा चुनाव के दौरान अनुकूल जनमत तैयार करने में आरएसएस कार्यकर्ताओं की सक्रिय भागीदारी ने भाजपा कार्यकर्ताओं में जोश भर दिया है। पार्टी में कई लोगों को उम्मीद है कि हरियाणा की रणनीति का पालन करते हुए उन्हें महाराष्ट्र में भी अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं। हालांकि, आरएसएस का कहना है कि वह सीधे तौर पर चुनावी राजनीति में शामिल नहीं होता, लेकिन लंबे समय से यह माना जाता रहा है कि वह चुनावों में भाजपा की छिपी ताकत है।
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