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सूत्र बताते हैं कि 33 सीटों की दावेदारी करने वाली कांग्रेस को 29 या इससे भी कम सीटें मिलती दिख रही हैं, वहीं 10 से ज्यादा सीटों पर दावा ठोंकने वाले राजद को भी पिछली बार की तरह सात सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है। झामुमो 43 सीटें लेता है जो कांग्रेस के खाते में 27 सीटें ही आ पाएंगी।
झारखंड विधानसभा चुनाव की सियासी सरगर्मी के बीच एनडीए के बाद इंडिया गठबंधन ने भी अपनी सीट शेयरिंग का फॉर्मूला सार्वजनिक कर दिया। घटक दल झामुमो और कांग्रेस ने ही सिर्फ आपस में अपनी सीटें तय कर ली। सीटों के तालमेल के लिए राजद और माले का इंतजार नहीं किया। रांची पहुंचे बिहार के नेता प्रतिपक्ष सह पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव समेत बिहार आरजेडी के आला नेता रांची में बैठक करते रहे, वहीं झामुमो और कांग्रेस ने अपने पाले में 70 सीटें रखते हुए चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। घटक दल राजद और माले के खाते में 11 सीटें निर्धारित कर दीं। सीटों के बटवारे में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर कांग्रेस और राजद की सीट बढ़ोतरी का दवाब काम नहीं आया। सूत्र बताते हैं कि 33 सीटों की दावेदारी करने वाली कांग्रेस को 29 या इससे भी कम सीटें मिलती दिख रही हैं, वहीं 10 से ज्यादा सीटों पर दावा ठोंकने वाले राजद को भी पिछली बार की तरह सात सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है। झामुमो 43 सीटें लेता है जो कांग्रेस के खाते में 27 सीटें ही आ पाएंगी।
आरजेडी ने इस पर नाराजगी भी जाहिर की है और शनिवार की देर रात झामुमो- कांग्रेस पर अपने खाते में और अधिक सीटें देने का दबाव भी डाला। उल्लेखनीय है कि साल 2019 के विधानसभा चुनाव में झामुमो ने 43, कांग्रेस ने 31 और राजद ने सात सीटों पर अपने प्रत्याशी दिए थे। महत्वपूर्ण बात यह कि सीट बंटवारे को लेकर इंडिया गठबंधन के चारों घटक दलों की औपचारिक बैठक आज तक नहीं हुई। कांग्रेस की प्रदेश कमेटी कभी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ तो कभी मुख्यमंत्री ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के साथ सीट शेयरिंग पर चर्चा करती रही। शुक्रवार की देर रात रांची पहुंचे राजद के तेजस्वी यादव के साथ भी बातचीत हुई। इसके बावजूद इंडिया गठबंधन के चारों घटक दल झामुमो, कांग्रेस, राजद और माले के नेता एक साथ नहीं बैठ सके।
इंडिया गठबंधन के प्रमुख सहयोगी झामुमो और कांग्रेस के बीच 70 सीटों के बंटवारे की घोषणा के बाद राजद ने अपनी नाराजगी जाहिर कर दी। गठबंधन में किसी तरह का पेंच न फंसे, इसे लेकर शनिवार की देर शाम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर सभी सहयोगी दलों की बैठक बुलाई गई। इस मौके पर राजद और वाम दलों ने अपनी बातों को प्रमुखता से रखा। राजद अभी भी 10 सीटों से कम पर बात मानने को तैयार नहीं है। राजद के अंदरुनी सूत्रों की मानें तो गठबंधन में अगर सम्मानजनक समझौता नहीं हुआ तो पार्टी के पास और भी विकल्प खुले हुए हैं।
धनवार-जमुआ पर अड़ी माले, राजद आज बताएगा रुख
माले के राज्य सचिव मनोज भकत का कहना है कि पार्टी का छह से सात सीटों पर दावा है। हालांकि उन्होंने सीटों के नाम सार्वजनिक नहीं किए, लेकिन जो जानकारी सामने आई है, उसके तहत पार्टी के हिस्से में अभी सीटिंग सीट बगोदर के अलावा निरसा, सिदरी कंफर्म है। अपने मजबूत जनाधार को देखते हुए पार्टी का दावा धनवार और जमुआ सीट पर भी है। इन सीटों पर पार्टी अड़ी हुई है। कई विकल्प खुले हैं। पार्टी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने भी इस बात को स्पष्ट किया है। मिल रही खबरों के मुताबिक, राजद रविवार सुबह 11 बजे प्रेस वार्ता करेगा। सांसद मनोज झा इस दौरान पार्टी की स्थिति स्पष्ट कर सकते हैं।
दूसरी तरफ भाकपा माले भी दो विधानसभा सीटें जमुआ और धनवार सीट को लेकर अड़ी हुई है। वह जनाधार को देखते मानने को तैयार नहीं है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई बैठक में कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर, राजद नेता तेजस्वी यादव, राजद प्रभारी जयप्रकाश नारायण यादव सहित कई बड़े नेता मौजूद रहे।
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