राजेश तिवारी /अजित सिंह (संवाददाता)
ओबरा / सोनभद्र -GST रजिस्ट्रेशन व अतिरिक्त अन्य प्रमाण पत्र की जगह युवाओ की शैक्षिक प्रमाण पत्र को आधार मानने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि उसे प्राप्त करने में युवाओ का समय पैसा दोनों लगा है और सबसे बड़ा सवाल है कि युवाओं को रोजगार भी नही मिल रहा है। इसी क्रम में
अहिंसा सेवा पार्टी के अध्यक्ष जनसेवक विजय शंकर यादव ने रोजगार की मजबूती के लिए सरकार को नेट पत्र के माध्यम से सुझाव प्रेषित करते हुए कहा कि
जनता से किस तरह से टैक्स वसूली किया जाए। सरकार की सरकारी एजेंसियां तरह तरह के नियम बना लेती है। जनता किस तरह से रोजगार परक हो मजबूत हो ये नियम नहीं बन पाते। GST रजिस्ट्रेशन कराकर जनता हर महीने अपने काम का ब्यौरा सरकार को दे रही है पर GST रजिस्ट्रेशन के बाद भी युवाओँ को सरकारी विभाग व प्राइवेट विभागों में काम नहीं मिल पा रहा है। कोई हैसियत के नाम पर तो कोई अनुभव चरित्र अन्य प्रमाण पत्र के नाम युवाओँ को काम देने से साफ इंकार कर रहा है।
संगठन ने GST रजिस्ट्रेशन के आधार पर 20 लाख तक की कार्य करने व अन्य कागजी अनिवार्यता को हटाने की मांग सरकार से की है। वहीं युवा महंगी शिक्षा ग्रहण कर बेरोजगारी की दंश झेल रहा । रोजगार के मामले में सबसे बड़ा सवाल है कि हर युवा वर्ग आम जन कल्याणकारी सरकारी विभाग व गैर सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे है। बल्कि सरकार को चाहिए कि एक नियम बना कर युवाओ को बड़े पैमाने पर सरकारी संस्थाओं सरकारी योजनाओं पर कार्य करने की अनुमति दे कर रोजगार का अवसर दे सकती है। जिससे बेरोजगार युवाओं निराशा से बाहर निकल सके। GST के अतिरिक्त अन्य प्रमाण पत्रों के रख रखाव में प्रति वर्ष एक फार्म को लाखों खर्च से गुजरना पड़ता है और कार्य भी नही मिलता। सरकार को युवाओ के बेहतरी के लिए सरकार को संगठन निरन्तर पत्र लिख कर युवा हित मे निवेदन कर रहा है। उक्त के संबंध में 19 अक्टूबर 24 को मेल व पत्र के माध्यम से देश के यशस्वी प्रधानमंत्री महोदय को ध्यानाकृष्ट कराया है।