[ad_1]
बोकारो जिले की चार में तीन विधानसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने अपने उम्मीद्वारों के नाम की घोषणा कर दी है। जिसके तहत बोकारो वर्तमान विधायक बिरंची नारायण और चंदनकियारी से विधायक व नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी तीसरी बार चुनाव मैदान में अपना भाग्य आजमाएंगे। वहीं, बेरमो से इस बार गिरिडीह संसदीय सीट से लगातार पांच बार सांसद रहे रविंद्र पांडेय को टिकट दिया है। जबकि गोमिया सीट आजसू के खाते में चली गई है। जिस कारण इस विधानसभा सीट से गोमिया विधायक लंबोदर महतो आजसू की टिकट से चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में अन्य दलों के प्रत्याशियों के नामों पर बोकारोवासियों की नजर है।
बिरंची नारायण पर भाजपा का तीसरी बार भरोसा
बिरंची नारायण बोकारो विधानसभा सीट से वर्ष 2014 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर विधानभा पहुंचे थे। अपने पहले चुनाव में ही उन्होंने बोकारो से निर्दलीय उम्मीदवार रहे स्व. समरेश सिंह को 72 हजार 623 वोटों से हराया था। उन्हें इस चुनाव में 114,321 वोट प्राप्त किया था। जबकि निर्दलिय प्रत्याशी समरेश सिंह को 41,678 वोट प्राप्त हुआ था। जबकि वर्ष 2019 में हुए चुनाव में बिरंची नारायण को कुल 112,333 वोट मिला था जबकि प्रतिद्वंदी के रूप में कांग्रेस प्रत्याशी श्वेता सिंह को 99,020 वोट प्राप्त हुआ था। इस चुनाव में वे महज 13 हजार वोटों से विजय घोषित हुए थे। जिसके बाद भाजपा ने इस बार भी उन्हें चुनाव मैदान में उतारा है। लेकिन फिलहाल इस सीट पर कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी की घोषणा नहीं हो पाई है।
चंदनकियारी सीट से जीत पहली बार विस पहुंचे थे बाउरी
चंदनकियारी विधानसभा सीट से बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा की टिकट पर पहली बार वर्ष 2014 में चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे अमर बाउरी फिलहाल किसी परिचय के मोहताज नहीं है। इस चुनाव में उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी आजसू के उमाकांत रजक को 34164 मतो से पराजित कर पहली बार विधानसभा पहुंचे थे। उन्हें कुल 81,925 मत प्राप्त हुआ था जबकि उमाकांत रजक को कुल 47761 मत मिले थे। पहली बार विधायक बनने के साथ ही उन्हे राज्य के भु राजस्व मंत्री बनने का मौका मिला। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के काफी करीबी माने जाने वाले अमर बाउरी ने पुन: 2019 को हुए विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से आजसू प्रत्याशी उमाकांत रजक को 9211 वोटो से शिकस्त देते हुए विधानसभा पहुंचे। उन्हें इस चुनाव में कुल 67739 मत मिले थे जबकि उमाकांत रजक को 58528 मत मिले थे। जीत के बाद लगातार पार्टी ने उन्हे कई जिम्मेवारी दी। जिसके बाद उन्हें झारखंड का नेता प्रतिपक्ष बनाया गया।
रवीन्द्र कुमार पाण्डेय बेरमो विस से होंगे भाजपा के उम्मीदवार
पांच बार गिरिडीह संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके पूर्व सांसद रवीन्द्र कुमार पाण्डेय पर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने भरोसा जताया है। इस बार उन्हें बेरमो विधानसभा से चुनावी मैदान में उतारा है। बताया जा रहा था कि बेरमो से लगभग दर्जनभर दावेदारों ने टिकट का दावा किया था।
इससे एनडीए के स्थानीय नेताओं की आपसी खींचतान के बाद रवीन्द्र पांडेय के नाम पर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। रवीन्द्र कुमार पाण्डेय ने अपनी राजनीतिक जीवन की शुरुआत ही गिरिडीह संसदीय चुनाव से भाजपा से की और पहली बार 1996 में संसद पहुंचे। फिर 1998, 1999, 2009 व 2014 में जीते। वहीं, गठबंधन में झारखंड की एकमात्र गिरिडीह संसदीय क्षेत्र आजसू पार्टी को दिये जाने पर 2019 व 2024 में रवीन्द्र कुमार पाण्डेय चुनाव लड़ने से वंचित हो गए। जबकि वर्ष 2004 में झामुमो के टेकलाल महतो से ये एक बार चुनाव हारे हैं।
[ad_2]
Source link