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दिल्ली में अगले साल फरवरी में विधानसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले ही सभी पार्टियों ने कमर कस ली है। चुनावी मुद्दों, रणनीति आदि को लेकर बैठकें चल रही हैं। इसी बीच राजधानी की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी भी जल्द ही चुनावी बिगुल फूंकने वाली है।
दिल्ली में अगले साल फरवरी में विधानसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले ही सभी पार्टियों ने कमर कस ली है। चुनावी मुद्दों, रणनीति आदि को लेकर बैठकें चल रही हैं। इसी बीच राजधानी की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी (आप) भी जल्द ही चुनावी बिगुल फूंकने वाली है। इसके लिए शनिवार को पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में पीतमपुरा में शाम पांच एक बड़ी बैठक का आयोजन किया जाएगा। जिसमें पार्टी के सभी पदाधिकारी शामिल होंगे।
माना जा रहा है कि बैठक में पार्टी कई अहम मुद्दों पर फैसला ले सकती है। चुनाव किन मुद्दों पर लड़ा जाएगा इसे लेकर भी रणनीति बनाई जाएगी। पारटी ने पहले की जनसंपर्क और शिक्षा पर बात मनोज सिसोदिया के साथ अभियान शुरू किया हुआ है। जिसके जरिए आम जनता के साथ ही सरकारी स्कूल के बच्चों और उनके पैरेंट्स से बातचीत की जा रही है और फीडबैक लिया जा रहा है। इसके अलावा पूर्व सीए जनता की अदालत के जरिए भी जनता से संवाद स्थापित कर रहे हैं।
इसी कड़ी में केजरीवाल ने बीते रविवार को ‘जनता की अदालत में केजरीवाल’ कार्यक्रम के जरिए लोगों को संबोधित किया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि लोगों को समझ में आ गया है कि डबल इंजन सरकार का मतलब महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार है। अब दिल्ली के चुनाव आने वाले हैं। ये लोग दिल्ली में आकर कहेंगे कि ‘डबल इंजन सरकार’ बना दो। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में सात साल से ‘डबल इंजन की सरकार’ है। इन लोगों ने कुछ तो गड़बड़ की होगी तभी वहां लोकसभा में इनकी आधी सीटें रह गईं। मणिपुर में सात साल से इनकी ‘डबल इंजन सरकार’ है। पिछले दो साल से मणिपुर जल रहा है। क्या ऐसी डबल इंजन सरकार चाहिए कि ये लोग हर राज्य को मणिपुर बना दें?
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