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न्यूयॉर्क में एक अध्ययन में पता चला है कि खराब हवा की गुणवत्ता का घोड़ों की दौड़ने की गति पर बुरा असर पड़ रहा है। कैलिफोर्निया में 30,000 घुड़दौड़ों के आंकड़े से यह स्पष्ट हुआ कि प्रदूषण के उच्च स्तर…
न्यूयॉर्क, एजेंसी। दुनियाभर के कई शहरों में हवा की गुणवत्ता का स्तर गंभीर श्रेणी में पहुंच चुका है। प्रदूषण की वजह से इंसानों के साथ पशुओं पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है। एक अध्ययन में सामने आया है कि दमघोंटू हवा घोड़ों के दौड़ने की गति पर भी ब्रेक लगा रही है।
इक्वाइन वेटरनरी जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, कैलिफॉर्निया में रेस में हिस्सा लेने वाले घोड़ों के प्रदर्शन पर शोध किया गया। इसमें पता चला कि जिस दिन हवा की गुणवत्ता खराब रही, उस दिन घोड़े सामान्य दिनों की तुलना में कम तेज दौड़े। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में हुए शोध में कहा गया है, हवा की गुणवत्ता में रोजाना होने वाले उतार-चढ़ाव से घोड़ों पर सीधा असर पड़ा। यह कहा जा सकता है कि प्रदूषण के कारण घोड़ों को दौड़ते वक्त सांस लेने में समस्या हुई। प्रमुख शोधार्थी शेरिल मैगजामेन ने कहा, यह अध्ययन एथलीटों पर वायु प्रदूषण के प्रभाव को जानने में मददगार साबित हो सकता है।
इस तरह हुआ अध्ययन
शोधार्थियों ने वर्ष 2011 से वर्ष 2020 के बीच कैलिफोर्निया में 12 ट्रैकों पर हुई 30 हजार से अधिक घुड़दौड़ों का आंकड़ा एकत्रित किया। उन्होंने अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी द्वारा संचालित ट्रैकों के निकटतम एयर मॉनिटर से भी जानकारी एकत्र की। इससे उन्होंने जाना कि जिस दिन हवा में पीएम2.5 सहित अन्य प्रदूषकों का स्तर बढ़ा, उस दिन घोड़ों का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। इस अध्ययन में कई पशु चिकित्सक, पर्यावरण विज्ञानी और छात्र शामिल थे। उन्होंने कहा कि निष्कर्ष बताते हैं कि लंबे स्तर तक खराब हवा में रहने से इंसान ही नहीं बल्कि घोड़ों में ही हृदय रोग और अस्थमा की समस्या हो सकती है।
प्रदूषण से दूध उत्पादन पर भी असर
प्रमुख शोधार्थी शेरिल मैगजामेन ने कहा, वर्ष 2022 में हमने जानवरों पर प्रदूषण के असर को जानने के लिए एक और अध्ययन किया था। इसमें पता चला था कि दूध देने वाले मवेशी जैसे गाय और भैंस भी वायु प्रदूषण से प्रभावित हो रहे हैं। पीएम2.5 के उच्च स्तर के संपर्क में रहने वाले मवेशी कम दूध दे रहे हैं और उनके दूध में कई प्रकार के दूषित तत्व भी पाए गए हैं।
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