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झारखंड में चुनावी बिगुल बजते ही राजनीतिक पार्टियां अपनी तैयारियों को अंतिम मुकाम तक पहुंचाने में जुटी हैं। वहीं एनडीए ने भी सीट शेयरिंग का खुलासा कर दिया है। भाजपा ने इस बार पाकुड़ की सीट आजसू के कोटे में डाल दिया है। पाकुड़ विधानसभा सीट पर मुस्लिम वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा है। पाकुड़ की सीट आजसू कोटे में जाने से आजसू के समर्थकों में तो खुशी देखी जा रही है, परंतु टिकट पाने की आस में बैठे भाजपा नेताओं को बड़ा झटका लगा है। इससे भाजपा का बड़ा तबका नाराज दिख रहा है।
65 प्रतिशत हैं मुस्लिम वोटर
भाजपा के कुछ कार्यकर्ता दबी जुबान तो कुछ सोशल मीडिया पर खुलेआम निर्दलीय उम्मीदवारी की ताल ठोक रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार पाकुड़ विधानसभा में करीब 65 प्रतिशत मुस्लिम वोटर हैं, जो निर्णायक स्थिति में हैं। इन वोटरों का समर्थन कांग्रेस को ही मिलता रहा है। सूत्रों की मानें तो इसी समीकरण को देखते हुए आजसू ने मुस्लिम समुदाय से ही प्रत्याशी देने का इशारा भी किया है।
बगावत का भी डर
आजसू समर्थकों का मानना है कि मुस्लिम समुदाय से प्रत्याशी होने के कारण मुस्लिम वोटरों का झुकाव होगा और गठबंधन के कारण भाजपा समर्थकों का वोट भी आजसू को मिलेगा, परंतु भाजपा के एक तबके की नाराजगी को देखते हुए इस समीकरण में सेंध दिख रहा है। भाजपा के एक नेता ने तो 24 को पर्चा खरीदने का भी ऐलान कर दिया है। अगर भाजपा से कोई कार्यकर्ता निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में उतरता है तो निश्चित तौर पर हिंदू वोटरों का बिखराव होगा। ऐसे में आजसू को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस स्थिति में भाजपा अपने नाराज कुनबे को कैसे मनाएगी, यह बड़ा सवाल है। यहां बता दें कि इस विधानसभा में भाजपा का अपना वोट करीब 80 हजार के आसपास है। यह बात पिछले लोकसभा चुनाव के आंकड़े भी स्पष्ट कर रहे हैं। बहरहाल नतीजा क्या होगा, यह तो चुनाव बाद परिणाम ही बताएगा।
अबतक दो बार भाजपा ने चखा है जीत का स्वाद
1952-2019 के बीच हुए विधानसभा चुनाव में नौ बार कांग्रेस, दो बार भाजपा, एक बार झारखंड पार्टी, एक बार जनता पार्टी, एक बार जनसंघ, एक बार सीपीएम और एक बार झामुमो के प्रत्याशी ने पाकुड़ का प्रतिनिधित्व किया। यहां 1990 और 1995 में भाजपा प्रत्याशी को जीत मिली थी। इसके बाद से अधिकतर कांग्रेस व एक बार झामुमो प्रत्याशी को जीत मिली है।
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