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मुरादाबाद की एक अदालत ने सुनाई सजा
– फोटो : अमर उजाला
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संभल के 14 साल पुराने मां-बेटे की हत्या के मामले में अदालत ने मृतका के पति दिलशाद और देवर शमशाद को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। दिलशाद ने अपने भाई के साथ पत्नी और साैतेले बेटे की हत्या करने के बाद उसके पूर्व पति के खिलाफ केस दर्ज करा दिया था। हालांकि, पुलिस जांच में मामला खुल गया था।
अदालत ने दोषियों पर 37-37 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। संभल के नखासा थाना क्षेत्र के फिरोजपुर निवासी दिलशाद ने 21 अगस्त 2010 को नखासा थाने में केस दर्ज कराया था। दिलशाद ने बताया कि उसने पांच माह पहले रानी नाम की महिला से कोर्ट मैरिज की थी। इसके बाद से रानी का पूर्व पति आबिद रंजिश रखने लगा था और उसने धमकी दी कि थी वह रानी की हत्या कर देगा।
20 अगस्त 2014 की देर रात करीब साढ़े तीन बजे आबिद अपने साथ तीन-चार साथियों के साथ घर में घुसा और रानी की गला रेतकर हत्या कर दी और पांच साल के बेटे सोनू को गला दबाकर मार डाला। पुलिस ने घटना की जांच शुरू की तो आरोप झूठे पाए गए। जांच में सामने आया कि दिलशाद ने ही अपने भाई शमशाद के साथ मिलकर रानी और उसके बेटे सोनू की हत्या की थी।
इसके बाद आबिद को फंसाने के लिए केस दर्ज करा दिया था। इस मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश योगेंद्र चौहान की अदालत में की गई। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दिनेश कुमार कश्यप ने बताया कि इस मामले में मृतका की पुत्री ने अदालत में आकर सारी घटना की जानकारी दी।
जिसके आधार पर अदालत ने दोनों भाइयों दिलशाद और शमशाद को रानी और उसके बेटे सोनू की हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही दोनों पर जुर्माना भी लगाया।
रानी ने दिलशाद से की थी तीसरी शादी
रानी की शादी मो. अली से हुई थी। मो. अली से रानी के तीन बच्चे निशा, मंतशा और सोनू हुए। मो. अली की माैत के बाद रानी ने संभल के असमोली थाना क्षेत्र के नया गांव निवासी आबिद से निकाह कर लिया था। करीब पांच साल तक रानी आबिद के साथ रही। संभल के नखासा थाना क्षेत्र के फिरोजपुर निवासी दिलशाद बुकनाला में सैलून चलाता था।
दिलशाद का आबिद के घर आना-जाना था। इस दौरान दिलशाद और रानी के बीच प्रेम प्रसंग शुरू हो गया तो रानी ने दिलशाद से कोर्ट मैरिज कर ली और अपने बेटे और बेटियों के साथ दिलशाद के साथ रहने लगी थी। रानी की दिलशाद से तीसरी शादी थी।
बेटी ने मां और भाई के हत्यारों को दिलाई सजा
हत्यारे भाइयों ने न केवल पुलिस को गुमराह किया था, बल्कि गवाहों को भी बरगलाया। हालांकि, मृतका रानी की बेटी निशा ने अपनी मां और भाई को इन्साफ दिलाने की ठान ली थी। वह अदालत में पेश हुई। उसने बताया कि मेरी मां और दिलशाद के बीच विवाद रहता था।
घटना वाली रात दिलशाद और शमशाद ने मेरी मां की गर्दन काट कर हत्या कर दी थी और मेरे छोटे भाई सोनू को गला दबाकर मार डाला था। इसके बाद दोनों भाई एक कमरे में बंद होने का नाटक करने लगे थे। अदालत ने बेटी को गवाही को अहम माना और दोनों भाइयों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई।
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