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सुप्रीम कोर्ट से शुक्रवार को झारखंड के पुलिस अधिकारियों को राहत मिली है। धनबाद में कोयला चोरी और उसमें पुलिस की संलिप्तता की सीबीआई जांच के झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अगले आदेश तक रोक लगा दी है।
सुप्रीम कोर्ट से शुक्रवार को झारखंड के पुलिस अधिकारियों को राहत मिली है। धनबाद में कोयला चोरी और उसमें पुलिस की संलिप्तता की सीबीआई जांच के झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अगले आदेश तक रोक लगा दी है। झारखंड सरकार द्वारा दायर एसएलपी पर नोटिस जारी करते हुए जस्टिस भूषण आर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘अगले आदेश तक, हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश पर रोक रहेगी।’
हाईकोर्ट ने तीन अक्तूबर को मामले में सीबीआई को पीई दर्ज करने और जरूरत पड़ने पर जांच करने का निर्देश दिया था। मामले में एक निजी समाचार चैनल के संचालक अरूप चटर्जी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें कहा था कि धनबाद में उनके खिलाफ पुलिस अधिकारियों ने गलत प्राथमिकी दर्ज की है। उन्होंने मामले के अनुसंधानकर्ता, तत्कालीन एसपी और डीएसपी समेत कुछ गवाहों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन दिया था, लेकिन प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा रही है।
प्रार्थी ने प्राथमिकी दर्ज कराने और निष्पक्ष एजेंसी से जांच का आग्रह किया था। प्रतिवादियों का पक्ष सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने रखा। उन्होंने कहा कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। राज्य सरकार ने बताया कि हाईकोर्ट में शिकायतकर्ता खुद चिटफंड फ्रॉड, अपहरण, धोखाधड़ी और ब्लैकमेलिंग के मामलों का सामना कर रहा है और उसने अपने खिलाफ इन मामलों की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाए हैं।
वकील सिब्बल, जयंत मोहन और प्रज्ञा बघेल ने तर्क दिया कि हाईकोर्ट ने राज्य का पक्ष सुने बिना ही आदेश पारित कर दिया। पीठ में जस्टिस गवई,के अलावा जस्टिस के वी विश्वनाथन भी शामिल थे। दोनों जस्टिस ने सीबीआई तथा चटर्जी से चार हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है।
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