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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली वक्फ बोर्ड में कथित अनियमितताओं के संबंध में दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली आम आदमी पार्टी नेता अमानतुल्ला खान की याचिका का विरोध किया। एजेंसी ने कहा है कि न उनकी गिरफ्तारी और न ही उनकी रिमांड अवैध है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली वक्फ बोर्ड (डीडब्ल्यूबी) में कथित अनियमितताओं के संबंध में दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली आम आदमी पार्टी (आप) नेता अमानतुल्ला खान की याचिका का विरोध किया। एजेंसी ने कहा है कि न उनकी गिरफ्तारी और न ही उनकी रिमांड अवैध है। गुरुवार को दाखिल अपने जवाब में जांच एजेंसी ने कहा कि खान ने डीडब्ल्यूबी के अध्यक्ष और ओखला के विधायक रहते हुए जानबूझकर, सीधे और सक्रिय रूप से मनी लॉन्ड्रिंग की।
स्पेशल वकील जोहेब हुसैन के जरिए दायर हलफनामे में कहा गया है, ‘याचिकाकर्ता की रिहाई के लिए प्रार्थना करने वाली याचिका इस अदालत में स्वीकार नहीं की जा सकती। पहली बात तो यह कि याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी और रिमांड दोनों में कोई अवैध नहीं है और दूसरी बात यह कि हिरासत से रिहाई की राहत पाने का एकमात्र तरीका जमानत के लिए आवेदन दायर करना है, जिस पर पीएमएलए की धारा 45 के तहत न्यायिक निर्णय लिया जाएगा।’
हलफनामे में कहा गया है, ‘अमानतुल्ला खान ने भ्रष्ट और अवैध गतिविधियों के जरिए अपराध की आय अर्जित करने, अपराध की आय से संबंधित भौतिक तथ्यों को सक्रिय रूप से छिपाने और दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष और दिल्ली की ओखला विधानसभा से विधायक जैसी हाई पोजिशन पर रहते हुए अपने करीबी सहयोगियों का उपयोग करके मनी लॉन्ड्रिंग करके जानबूझकर और सीधे तौर पर धन शोधन के अपराध में संलिप्त हुए हैं।’
खान के खिलाफ ईडी की जांच 2016 में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज एक मामले से शुरू हुई थी, जिसमें उन पर गैर-स्वीकृत और गैर-मौजूद वैकेंसी के खिलाफ डीडब्ल्यूबी में विभिन्न लोगों को अवैध रूप से नियुक्त करने का आरोप लगा था, जिससे दिल्ली सरकार को वित्तीय नुकसान हुआ और उन्हें अवैध तरीके से लाभ हुआ। उन पर वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को अवैध रूप से पट्टे पर देने का भी आरोप है। उन्हें इस साल 2 सितंबर को ईडी ने गिरफ्तार किया था।
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