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प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : एएनआई
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हाथरस में विशेष न्यायाधीश (एससी-एसटी एक्ट) रामप्रताप सिंह के न्यायालय ने 16 वर्षीय किशोरी का अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म करने के दोषियों को 20-20 साल कैद की सजा सुनाई है। न्यायालय ने दोषियों पर अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड न देने पर दोषियों को अतिरिक्त कारावास भोगना होगा।
अभियोजन पक्ष के अनुसार थाना हाथरस गेट क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति ने पुलिस अधीक्षक को तहरीर दी थी। तहरीर में कहा था कि 16 मई 2012 को रात करीब आठ बजे कन्हैया उनके घर पर अपने साथ दो मोटरसाइकिल लेकर आया। इन मोटरसाइकिल पर कन्हैया के अलावा दो व्यक्ति और थे। कन्हैया का उनके यहां पहले से ही आना-जाना था। यह लोग उनकी 16 वर्षीय पुत्री को बहला-फुसलाकर अपहरण करके मोटरसाइकिल पर बैठाकर ले गए। घटना को किशोरी की दादी व उसके भाई ने देखा। शोर मचाने पर वहां बहुत से लोग इकट्ठा हो गए। इस मामले में मुकदमा दर्ज हुआ।
पुलिस ने 18 जून 2012 को पीड़िता को खोज लिया। इस मामले में विवेचना के दौरान आरोपी संजय कुमार, दिनेश उर्फ काली, रामगोपाल एवं नवीन के नाम प्रकाश में आए। इस प्रकरण में सामूहिक दुष्कर्म की धारा की वृद्धि की गई। पुलिस ने न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल कर दिया। सुनवाई विशेष न्यायाधीश (एससी-एसटी एक्ट) रामप्रताप सिंह के न्यायालय में हुई।
अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी दिनेश यादव ने नौ गवाहों को परीक्षित कराया। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत आरोपी कन्हैयालाल, दिनेश उर्फ काली, रामगोपाल उर्फ गोपाल निवासी दरकई को दोषी करार देते हुए 20-20 साल कैद की सजा सुनाई है। न्यायालय ने दो आरोपियों संजय व नवीन को दोष मुक्त कर दिया।
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