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मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में दशहरे के त्योहार पर जिंदा जलाई गई दलित युवती की मौत हो गई है। घटना में गंभीर रूप से घायल युवती का इलाज इंदौर के एमवाय अस्पताल में चल रहा था, जहां गुरुवार देर रात उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
आरोपी युवक ने 19 साल की पीड़िता को 12 अक्टूबर को पेट्रोल डालकर जिंदा जलाने की कोशिश की थी। इस मामले में पुलिस ने आरोपी को पहले ही गिरफ्तार कर हत्या की कोशिश के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अब पीड़िता की मौत के बाद उस पर हत्या की धाराएं भी लगाई जाएंगी। साथ ही आरोपी के परिजनों पर भी प्रतिबंधात्मक धाराओं में कार्रवाई की गई है।
यह घटना खंडवा जिला मुख्यालय से सटे गांव की है, जहां बीती 7 अक्टूबर को आरोपी के पिता ने पीड़िता दलित युवती से छेड़खानी की थी, जिसके बाद उसने इस बात की शिकायत पुलिस से करते हुए मामला दर्ज करा दिया था। छेड़खानी की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए कोतवाली थाना पुलिस ने आरोपी मांगीलाल को गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि अगले दिन कोर्ट से उसे जमानत मिल गई थी।
अपने पिता के खिलाफ हुई इस कार्रवाई को लेकर मांगीलाल का बेटा अर्जुन बेहद गुस्सा था और उसने पीड़िता को देख लेने की धमकी दी थी। उसने कहा था कि तूने मेरे बाप को अंदर (जेल) कराया है, अब मैं तुझे खत्म कर दूंगा। जिसके बाद उसने पीड़िता पर पेट्रोल डालकर उसे जिंदा जला दिया था।
यही नहीं आरोपी और उसके परिजनों ने युवती के परिवार के साथ मारपीट भी की थी, जिससे युवती सदमे में थी । इसी बीच ठीक दशहरे के दिन 12 अक्टूबर को आरोपी मांगीलाल के बेटे अर्जुन ने युवती पर पेट्रोल डालकर आग लगाते हुए, उसे मारने की कोशिश की। हालांकि वहां मौजूद युवती के पिता ने आग बुझाते हुए उसे जिला अस्पताल खंडवा में भर्ती कराया था। जहां पुलिस को बयान देते हुए पीड़िता ने अपने साथ हुई पूरी वारदात और अर्जुन की इस करतूत के बारे में बता दिया। जिसके बाद पुलिस ने तुरंत अर्जुन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था ।
इस घटना में गंभीर रूप से घायल हुई पीड़िता को बेहतर इलाज के लिए इंदौर के एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां इलाज के दौरान गुरुवार देर रात उसकी मौत हो गई। युवती की मौत पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ व पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी दुख व्यक्त करते हुए राज्य सरकार पर निशाना साधा है।
कमलनाथ ने लिखा, ‘खंडवा की बेटी की मौत ने एक बार फिर दिखाया है कि मध्य प्रदेश में क़ानून व्यवस्था भी दम तोड़ चुकी है। बेटियाँ हर जगह असुरक्षित हैं और अपराधियों के हौसले बुलंद हैं।’ वहीं जीतू पटवारी ने पुलिस पर समय रहते कार्रवाई ना करने का आरोप लगाते हुए इसे सरकारी हत्या बताया।
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