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दिल्ली में दमघोंटू प्रदूषण की वजह से लोगों की सांसों पर संकट छाया हुआ है। वहीं इसपर राजनीति भी शुरू हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) पर हमला बोला है।
दिल्ली में दमघोंटू प्रदूषण की वजह से लोगों की सांसों पर संकट छाया हुआ है। वहीं इसपर राजनीति भी शुरू हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) पर हमला बोला है। भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने आप सरकार पर पिछले दस सालों में प्रदूषण कम करने में विफल रहने का आरोप लगाया है। तिवारी ने दिल्लीवासियों से आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा को सपोर्ट करने का अनुरोध किया है।
तिवारी ने कहा, ‘पिछले 10 सालों से दिल्ली की सत्ता पर काबिज आप सरकार का प्रदूषण कम करने का कोई इरादा नहीं है। दिल्ली की समस्याएं उसी दिन हल हो जाएंगी, जिस दिन वे समस्या आने से पहले जागना शुरू कर देंगे।’ भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि दिल्ली एक ‘जहरीली गैस चैंबर’ बनती जा रही है और इसके लिए आप की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने पंजाब में पराली जलाने, औद्योगिक प्रदूषण और वाहनों से होने वाले प्रदूषण से निपटने में प्रभावी ढंग से असफल रहने के लिए आप की आलोचना की। पूनावाला ने कहा, ‘स्मोक टावरों का क्या हुआ? स्मोक टावर बंद हैं। बाबा खड़ग सिंह पर लगे स्मोक टावर पर 25 करोड़ रुपये खर्च किए गए। यह काम नहीं कर रहा है।’
शुक्रवार को दिल्ली में धुंध की एक परत छाई रही और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 293 पर ‘खराब’ दर्ज किया गया। आनंद विहार और द्वारका जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में क्रमशः 339 और 325 के एक्यूआई स्तर के साथ ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रखा गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने चेतावनी दी है कि ‘खराब’ श्रेणी का एक्यूआई सांस लेने में तकलीफ पैदा कर सकता है, जबकि ‘बहुत खराब’ श्रेणी के एक्यूआई से लंबे समय तक संपर्क में रहने पर सांस संबंधी बीमारी हो सकती है।
दिल्ली सरकार ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान-1 (ग्रैप-1) के तहत उपायों को सख्ती से लागू करने की घोषणा कीहै। धूल प्रदूषण को कम करने के लिए लोक निर्माण विभाग के वाहनों ने विभिन्न क्षेत्रों में पानी का छिड़काव भी किया। इससे पहले आप के नेतृत्व वाली सरकार ने 25 सितंबर को विंटर एक्शन प्लान जारी किया था, जिसमें प्रदूषण से निपटने के लिए 21 रणनीतियों की रूपरेखा दी गई थी।
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