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दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाने और वाहनों का दबाव कम करने के लिए तीसरे रिंग रोड पर जल्द वाहन दौड़ाने की तैयारी है। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के महत्वपूर्ण अर्बन एक्सटेंशन रोड (यूईआर-2) की कार्य प्रगति को लेकर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कई विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की।
दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाने और वाहनों का दबाव कम करने के लिए तीसरी रिंग रोड पर दिसंबर से वाहन दौड़ाने की तैयारी है। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के महत्वपूर्ण अर्बन एक्सटेंशन रोड (यूईआर-2) की कार्य प्रगति को लेकर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कई विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस रोड के शुरू होने से आउटर (बाहरी) रिंग रोड और इनर (आतंरिक) रिंग रोड से करीब ढाई लाख वाहनों का बोझ कम होने की उम्मीद है।
अलीपुर से दिल्ली एयरपोर्ट का सफर काफी सुगम हो जाएगा। 3600 करोड़ रुपये की लागत से यूईआर-2 पर काम किया जा रहा है। इस वर्ष दिसंबर से इस सड़क पर यातायात चलाने की योजना है। करीब 75.71 किलोमीटर लंबी सड़क का 54.21 किलोमीटर का हिस्सा दिल्ली और 21.50 किलोमीटर हरियाणा के हिस्से में आता है। अलीपुर के पास दिल्ली-पानीपत से यह शुरू होगी।
पांच चरण में बंटा है यूईआर-2
इसे पांच चरण में बांटा गया है। पहला चरण एनएच-1 दिल्ली-पानीपत हाईवे इंटरसेक्शन से कराला-कंझावला रोड तक (15.70 किलोमीटर) लंबा है, जिसका 99 फीसदी काम पूरा हो चुका है। दूसरे चरण में कराला-कंझावला रोड से नांगलोई-नजफगढ़ रोड (13.45 किलोमीटर) है, जिसका 83.70 फीसदी काम हुआ है। तीसरा चरण नांगलोई-नजफगढ़ रोड से द्वारका सेक्टर-24 (9.66 किलोमीटर) का है, जिसका कार्य पूरा हो गया है। बाकी दो चरण हरियाणा में आते हैं। ऐसा दावा है कि यूईआर के पूरी तरह से तैयार होने से आउटर रिंग रोड और इनर रिंग रोड पर यातायात आसान हो जाएगा। यूईआर-2 हरियाणा में सोनीपत और गुरुग्राम के बीच सीधी पहुंच प्रदान करेंगे। बाहरी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली और दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में आवागमन में सुधार होगा।
बुनियादी ढांचे में बदलाव की उम्मीद
यह परियोजना राष्ट्रीय राजमार्ग-44 (दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे) को दक्षिणी दिल्ली में राष्ट्रीय राजमार्ग-48 से जोड़ती है। बवाना, नरेला-कंझावला, मुंडका और द्वारका सहित कई दूसरे इलाके जुड़ जाएंगे। सोनीपत/जींद, नजफगढ़ से बहादुरगढ़ तक जाने वाला एक मार्ग हरियाणा में गुरुग्राम से द्वारका एक्सप्रेसवे से भी जुड़ता है। यह आगे चलकर पूर्वी और पश्चिमी पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को भी जोड़ता है।
पिलर का निर्माण न करें
बैठक में उपराज्यपाल ने मौजूदा बाधाओं और आगे की राह पर चर्चा की। उन्होंने मंगेशपुर नाले के ऊपर चल रहे निर्माण के संबंध में निर्देश दिए कि नाले के दायीं ओर सड़क के लिए किसी भी पिलर का निर्माण नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन नालों में पिलर के निर्माण से प्रवाह काफी हद तक अवरुद्ध होता है।
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