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दिलचस्प होगा सरायकेला सीट पर चुनाव
झारखंड विधानसभा चुनाव में इस बार सरायकेला सीट पर मुकाबला बेहद दिलचस्प होने वाला है। 13 नवंबर को इस सीट पर मतदान होना है, और यहां पर पूरे राज्य की नजरें टिकी हैं। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और अब भाजपा नेता चंपई सोरेन इस बार भाजपा के टिकट पर मैदान मे
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भाजपा में आने से पार्टी के पुराने नेता नाराज़
चंपाई सोरेन के भाजपा में आने से पार्टी के भीतर नाराजगी का माहौल है। गणेश महली और रमेश हांसदा जैसे दिग्गज नेता, जो लंबे समय से सरायकेला सीट से चुनाव की तैयारी कर रहे थे, अब टिकट कटने से नाराज बताए जा रहे हैं, इससे पार्टी को नुकसान हो सकता है।
झामुमो को अपने कार्यकर्ताओं पर भरोसा
झामुमो ने भी चंपई सोरेन को हराने के लिए पूरी ताकत लगा दी है। पार्टी की ओर से बास्को बेसरा, भागलु सोरेन और कृष्णा बास्के जैसे प्रमुख नेताओं के नाम चर्चा में हैं लेकिन झामुमो के लिए चंपई सोरेन की कमी को भरना आसान नहीं होगा। सरायकेला में चंपई का लंबे समय से प्रभाव रहा है, उनके पार्टी छोड़ने से झामुमो बड़े नेता की कमी से जूझ रही है।
सरायकेला सीट पर सीएम के नाम की चर्चा
कई वरिष्ठ पत्रकार और रणनीतिकार बताते हैं कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कोल्हान क्षेत्र की किसी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं, और अगर वे सरायकेला से मैदान में उतरते हैं, तो यह मुकाबला और भी रोमांचक हो जाएगा। 2019 में हेमंत सोरेन ने बरहेट और दुमका से चुनाव लड़ा था और दोनों सीट जीतकर दुमका सीट छोड़ दी थी, जहां उपचुनाव में उनके भाई बसंत सोरेन ने जीत दर्ज की थी। अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या वो इस बार सरायकेला से लड़ने का मन बनाते है या नहीं।
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