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अदालत ने कड़ा रुख अपनाते हुए कार्रवाई के दिए निर्देश।
– फोटो : अमर उजाला
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मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत के आदेश से लापरवाही से मौत और धमकाने के आरोप में कैंट थाने में दो निजी अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपियों में भुवनेश्वर नगर कॉलोनी, अर्दली बाजार स्थित वेदांशी हॉस्पिटल और श्री साईं वरदान हॉस्पिटल के डॉक्टर और कर्मचारी शामिल हैं।
जौनपुर जिले के चंदवक थाना क्षेत्र के गोबरा गांव निवासी बीरबल यादव ने अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था। बीरबल के अनुसार, 23 नवंबर 2021 की रात उनके घर में स्टेबलाइजर फटने से उनके पुत्र सूर्यकांत और सौरभ झुलस गए थे। वह अपने दोनों पुत्रों को वेदांशी हॉस्पिटल में भर्ती कराए। 27 नंवबर 2021 को सूर्यकांत को मंडलीय अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां उसकी मौत हो गई। इस बीच लगभग पांच लाख रुपये उपचार में खर्च हो चुके थे।
चार दिसंबर 2021 को उनके दूसरे पुत्र सौरभ की भी मौत हो गई। सौरभ की मौत के बाद उसका मृत्यु प्रमाण पत्र श्री साईं वरदान हॉस्पिटल का दिया गया। बीरबल के अनुसार, उनके दोनों पुत्रों की मौत डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मियों की लापरवाही से हुई है।
पांच लाख रुपये देने के बाद भी उनसे और पैसा मांगा गया। इलाज के बारे में पूछने पर उन्हें धमकी दी गई। उन्होंने कैंट थाने की पुलिस से शिकायत की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई तो वह अदालत की शरण में गए।
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