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हरियाणा में हार के बाद कांंग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कैप्टन अजय सिंह यादव ने इस्तीफा दे दिया है।
हरियाणा में हार के बाद कांंग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कैप्टन अजय सिंह यादव ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर कांग्रेस से रिश्ता तोड़ने की घोषणा करते हुए कैप्टन ने कहा कि उनके लिए यह फैसला बहुत कठिन था। उन्होंने कांग्रेस के साथ अपने पुराने रिश्ते को भी याद किया। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जा रहा था।
अजय सिंह यादव कांग्रेस के बड़े ओबीसी नेता था। वह ओबीसी सेल के चेयरमैन भी थे। कैप्टन अजय यादव रेवाड़ी से पांच बार के विधायक और मंत्री रह चुके हैं। वह बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव के समधी हैं। लालू के दामाद और अजय यादव के बेटे चिरंजीव राव को रेवाड़ी से हार का सामना करना पड़ा है।
पार्टी में दरकिनार किए जाने की वजह से कैप्टन काफी समय से नाराज चल रहे थे। वह प्रभारी दीपक बाबरिया और प्रदेश अध्यक्ष उदयभान की कार्यशैली को लेकर भी नाखुश थे। हरियाणा में कांग्रेस की हार के बाद उन्होंने खुलकर पार्टी की खामियों का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि जिस तरह जनादेश से पहले मुख्यमंत्री पद को लेकर लड़ाई होने लगी वह बहुत बड़ी गलती थी। उन्होंने कांग्रेस नेता मामन खान पर भी एक समुदाय के खिलाफ भड़काऊ बयान देने का आरोप लगाया।
अजय यादव ने इस्तीफे की क्या बताई वजह
पिछले कुछ दिनों से यह अटकलें लग रही थीं कि अजय यादव कांग्रेस से अपना नाता तोड़ सकते हैं। उन्होंने एक्स पर अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए लिखा, ‘कांग्रेस के ओबीसी विभाग के चेयरमैन और कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए मैंने त्यागपत्र पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भेज दिया है।’ उन्होंने आगे कहा कि 1952 से चले आ रहे रिश्ते को तोड़ना उनके लिए कठिन था।
यादव ने एक अन्य पोस्ट में लिखा, ‘इस्तीफा देने का यह फैसला वास्तव में मुश्किल था, जिसके (कांग्रेस) साथ मेरे परिवार का जुड़ा 70 साल का था। मेरे पिता राव अभय सिंह 1952 में विधायक बने और मैंने भी पारिवार की परंपरा को जारी रखा। लेकिन सोनिया गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद मेरे साथ खराब व्यवहार की वजह से पार्टी आलाकमान से मेरा मोहभंग हो गया है।’
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