समाजवादी पार्टी जिला अध्यक्ष राम निहोर यादव ने बताया कि प्रभु श्री राम जी के आदर्श चरित्र को लिपिबद्ध कर महा ग्रंथ रामायण की रचना करने वाले महान रचनाकार आदिकवि महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती जिला पार्टी कार्यालय सोनभद्र पर मनाई गई और उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते हुए गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्टी को संबोधित करते हुए सांसद श्री छोटेलाल सिंह खरवार एवं समाजवादी पार्टी जिला अध्यक्ष राम निहोर यादव ने कहा कि रामायण के रचयिता एवं संस्कृति के महाकवि महर्षि वाल्मीकि जी का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था, किंतु डाकुओं के साथ रहने के कारण वह लूटपाट और हत्याएं करने लगे और उनकी आजीविका का साधन हो गया , इन्हें जो भी मार्ग में मिलता वह उनकी संपत्ति लूट लिया करते थे । एक दिन उनकी मुलाकात देवर्षि नारद से हुई। उन्होंने नारद जी को लुटते हुए कहा कि तुम्हारे पास जो कुछ है उसे निकाल कर रख दो नहीं तो तुम्हें जीवन से हाथ धोना पड़ेगा । नारद ने कहा मेरे पास इस बीड़ा और वस्त्र के अलावा कुछ और नहीं है तुम लेना चाहो तो इसे ले सकते हो, लेकिन तुम यह कुकर्म करके भयंकर पाप क्यों करते हो, देवर्षि की कोमल बड़ी सुनकर वाल्मीकि का कठोर हृदय कुछ द्रवित हुआ इन्होंने कहा कि मेरी आजीविका का यही साधन है और इस से ही मैं अपने परिवार का भरण पोषण करता हूं । देवर्षि नारद बोले तुम अपने परिवार वालों से जाकर पूछो कि वह तुम्हारे इस पाप कर्मों में भी हिसाब बटाएंगे या नहीं । वाल्मीकि ने परिजनों से यह प्रश्न पूछा तो सभी ने कहा कि यह तुम्हारा कर्तव्य है कि हमारा भरण पोषण करो परंतु हम तुम्हारे पाप कर्मों में क्यों भागीदार बने । परिजनों की बात सुनकर बाल्मीकि को आघात लगा उनके ज्ञान नेत्र खुल गए उनके जीवन की दिशा बदल गई । इस घटना से बहुत दुखी हुए और गलत मार्ग का त्याग करते हुए श्री राम की भक्ति में डूब गए । महर्षि वाल्मीकि जी के लोकप्रियता सर्वपरी है एवं हिंदू धर्म के अनुयाई वाल्मीकि के सदैव रीडी रहेंगे । गोष्ठी में मुख्य रूप से जिला महासचिव मोहम्मद शाईद कुरैशी अनिल प्रधान अशोक पटेल सरदार पारब्रह्म सिंह पंचदेव सिंह खरवार त्रिपुरारी गौड़ सौर त्रिपाठी सनी पटेल बाबू हाशमी विद्यासागर मौर्य बबलू धागर राजकुमार यादव दीनानाथ अग्रवाल जिलाजीत यादव के साथ दर्जनों कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी उपस्थित थे ।