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झारखंड में चुनावी बिगुल बज चुका है। एनडीए और इंडिया के घटक दल किस सीट से चुनाव लड़ेंगे, कौन प्रत्याशी होगा? जल्द ही घोषणा होने वाली है। इस बार चुनावी पिच पर एनडीए और इंडिया के बीच सीधी लड़ाई है। किस दल की गांठ किस गठबंधन से बंधेगी, यह साफ हो चुका है। ए
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दूसरी तरफ, झामुमो, कांग्रेस, राजद और भाकपा माले इंडिया में रहकर मुकाबला करेंगे। दोनों ही गठबंधनों का दावा है कि सीट शेयरिंग पर सहमति बन चुकी है। गठबंधन से पार्टियों को होने वाले नफा-नुकसान पर बात करें तो 2014 और 2019 में हुए दो विधानसभा चुनाव के परिणामों को देखना होगा।
2014 में झामुमो और कांग्रेस अलग-अलग लड़े तो दोनों को नुकसान हुआ था। भाजपा की सरकार बनी थी। वहीं, 2019 में भाजपा-आजसू की राह अलग थी। झामुमो-कांग्रेस-राजद मिलकर चुनाव लड़े थे। नतीजा- भाजपा को सत्ता से हटना पड़ा। 2014 में भाजपा के खाते में 37 और आजसू के पास 5 सीटें थीं। अलग-अलग लड़े तो भाजपा 25 सीट पर आ गई और आजसू को 2 सीटें मिलीं। इसी तरह, 2014 में झामुमो व कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़े थे, तब झामुमो को 19 और कांग्रेस को 6 सीटें मिली थी। राजद का खाता भी नहीं खुला था। लेकिन, 2019 में साथ लड़े तो झामुमो को 30 व कांग्रेस को 16 सीटें मिली थीं। राजद भी एक सीट जीतने में सफल रहा था और गठबंधन की सरकार बनी थी।
भाजपा-आजसू का वोट शेयर बढ़ा, सीटें घटीं; झामुमो-कांग्रेस गठबंधन सफल रहा
पिछले दो विधानसभा चुनाव परिणाम की तुलना करें तो भाजपा-आजसू का वोट शेयर बढ़ा, पर सीटें कम हो गई। वहीं, झामुमो का वोट शेयर घटा, लेकिन सीटें बढ़ गईं। गठबंधन हुआ तो कांग्रेस को दोनों फायदा हुआ। वोट शेयर बढ़ा और सीटें भी बढ़ीं। 2014 में भाजपा का वोट प्रतिशत 31.8% था। तब 37 सीटें मिली थीं। आजसू ने 3.7% वोट के साथ 5 सीटें जीती थी। 2019 में भाजपा का वोट 2% बढ़कर 33.8% हो गया था, लेकिन 12 सीटों का नुकसान हुआ था। आजसू का भी वोट 4.5% बढ़कर 8.2% हो गया था, पर तीन सीटें घट गई थी। यानी, अलग-अलग चुनाव लड़ने से दोनों पार्टियों को सीटों का नुकसान हुआ था। बात झामुमो-कांग्रेस की करें तो 2014 में झामुमो को 20.8% वोट मिले थे।
तब उसके खाते में 19 सीटें आई थी। कांग्रेस का वोट औसत 10.6% था। वह 6 सीटें जीत पाई थी। राजद को 3.2% वोट मिले, पर खाता भी नहीं खुला था। 2019 में इन पार्टियों ने तालमेल से चुनाव लड़ा। इस बार झामुमो को 1.8% कम वोट मिला। लेकिन, सीटों की संख्या 11 से 30 हो गई थी। राजद का वोट 0.4% कम हुआ, पर खाता खोलने में कामयाब रहा। चतरा सीट जीती। सबसे ज्यादा फायदा कांग्रेस को हुआ था। सीटों की संख्या के साथ वोट शेयर भी बढ़ा था। कांग्रेस को 3.5% ज्यादा 14.1% वोट मिले थे। सीटों की संख्या भी बढ़कर 6 से 16 पर पहुंच गई थी।
झामुमो ने 70%, कांग्रेस ने 51.61%, भाजपा 31.64% सीटें ही जीत पाई
2019 में परिस्थतियां बदल गई थीं। भाजपा-आजसू में सीटों का तालमेल नहीं हुआ था। झामुमो-कांग्रेस मिलकर लड़े थे। परिणाम भी 2014 से अलग आया। झामुमो 69.76% (30) सीटें जीतने में कामयाब रहा था। कांग्रेस का सक्सेस रेट 51.61% था। ठीक इसके उलट भाजपा 31.64% (25) सीटें ही जीत पाई। आजसू की सफलता का दर 3.77% पर सिमट गया था। झाविमो ने 8 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। तीन सीटें मिली थी। झाविमो की सफलता का दर 3.70% था। इस चुनाव में दो निर्दलीय भी चुनाव जीते थे। सरयू राय ने भाजपा प्रत्याशी पूर्व सीएम रघुवर दास को हराया था। इनके अलावा राजद, भाकपा माले और राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी ने एक-एक सीट जीता था।
भाजपा का सक्सेस रेट 51.38% था, झामुमो 24% और कांग्रेस का 10%
चुनावी मुकाबला: झारखंड में राजनीति की बिसात बिछने लगी है। राजनीतिक दल अपने मोहरे जमाने लगे हैं। एनडीए और इंडिया के घटक दलों में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला अंतिम चरण में है। पिछले दो विधानसभा चुनाव के परिणाम पर गौर करें तो भाजपा-आजसू और झामुमो-कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़े तो यह पार्टियां नुकसान में रहीं। साथ मिलकर मुकाबला किया तो उनके गठबंधन को लाभ हुआ। 2014 और 2019 चुनाव के परिणामों पर नजर डालें तो गठबंधन की ताकत साफ दिखेगी। पढ़िए यह विशेष रिपोर्ट…
ऐसे समझें… विधानसभा चुनाव में किसे कितना वोट
2014 के विधानसभा चुनाव में 66 दल लड़े थे, तब कुल 2,08,38,445 वोटरों में से 1,36,33,131 ने वोट डाले थे। यह कुल वोटों का करीब 66.6% था। भाजपा 72 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, उसका सक्सेस रेट 51.38% था। आजसू 8 सीटों पर लड़ी और 5 जीती। आजसू का सक्सेस रेट 62.5% था। उस चुनाव में झामुमो-कांग्रेस में गठबंधन नहीं था। झामुमो ने 79 और कांग्रेस ने 62 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। दोनों पार्टियों की जीत का औसत देखें तो झामुमो का 24.05% और कांग्रेस करीब 10% था। इसके अलावा झाविमो ने 73 उम्मीदवार उतारे, इनमें 8 जीते थे। सक्सेस रेट था करीब 11%। 2014 चुनाव में बसपा, भाकपा माले, झापा, एमसीसी, जय भारत समानता पार्टी और नौजवान संघर्ष मोर्चा को एक-एक सीट मिली थी।
पार्टी वोट% सीटें वोट% सीटें
- भाजपा 31.8 37 33.8 25
- आजसू 3.7 5 8.2 02
- झामुमो 20.8 19 19 30
- कांग्रेस 10.6 06 14.1 16
- झाविमो 10.2 08 5.5 03
- बसपा 1.8 01 1.6 00
- भाकपा 1.5 01 1.2 01
- राजद 3.2 00 2.8 01
- जदयू 1.0 00 0.7 00
- निर्दलीय 6.8 00 6.6 02
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