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हाउसिंग फॉर ऑल (एचएफए) के तहत रिवेयरा टाउन प्रोजेक्ट समेत भोपाल में गैर झुग्गी वाले ईडब्ल्यूएस फ्लैट बनाए गए हैं। इन आवास के आवंटन में अब नगर निगम के अफसरों ने एक नई शर्त जोड़ दी है। इसके तहत हितग्राही न तो आवास बेच सकते हैं और न ही किराए पर दे सकते ह
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लोगों ने कहा- 11 लाख में फ्लैट दिए, कोई राहत भी नहीं दी…तो फिर यह शर्त क्यों?
हितग्राहियों के तर्क… {430 वर्ग फीट के फ्लैट 11 लाख रुपए में दिए। कोई सब्सिडी भी नहीं दी, तो फिर यह शर्त क्यों लगाई जा रही है। {झुग्गीवासियों को 8-10 लाख के फ्लैट 2 लाख में दिए। उन पर यह शर्त लगाई गई है, जो सही है। ताकि वे इन्हें बेचकर या किराए पर देकर वापस झुग्गी में न लौट सकें।
रजिस्ट्री में जोड़ रहे हैं शर्त
- हितग्राहियों ने बताया कि योजना के विज्ञापन और 2021 में जारी स्थाई आवंटन आदेश में भी इस शर्त का कोई उल्लेख नहीं था।
- अब रजिस्ट्री में ही यह शर्त जोड़ी जा रही है कि हितग्राही फ्लैट न बेच सकेंगे, न किराए पर दे सकेंगे। नए आवंटन आदेश में भी यह शर्त शामिल है।
बीडीए ने भी लगाई थी बंदिश {भोपाल विकास प्राधिकरण की ओर से शहर में अलग-अलग प्रोजेक्ट के तहत ईडब्ल्यूएस और एलआईजी फ्लैट बनाए हैं। {बीडीए की ओर से इनकी बिक्री पर 15 साल तक के लिए रोक लगाई है। यानी रजिस्ट्री के 15 साल बाद हितग्राही अपना फ्लैट बेच सकता है।
कमिश्नर से बात कर इसमें सुधार कराएंगे
^नॉन स्लम ईडब्ल्यूएस की बिक्री और किराए पर देने पर रोक है। पहले यह शर्त नहीं थी, अब जोड़ी जा रही है। यह बात मेरी जानकारी में आई है। इस बारे में कमिश्नर से बात कर सुधार कराएंगे। – निधि सिंह, अपर आयुक्त, नगर निगम
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