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हमारे शास्त्रों में ‘कार्तिक मास’ का विशेष महत्व हैं, इसे दामोदर मास भी कहा जाता है। इस मास में भगवान कृष्ण की भक्ति करने और उनके पवित्र नाम का जाप करने से भक्तों को असीम फल की प्राप्ति होती है। कार्तिक मास की शुरुआत के साथ के साथ ही कृष्ण बलराम मंदि
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मंदिर को रोशनियों से सजाया गया।
दामोदर मास की शुरुआत में कार्तिक कथा सत्र का आयोजन होगा, कार्तिक मास में वृंदावन धाम की यात्रा को अति शुभ माना गया है। इस उपलक्ष्य में मंदिर में भक्तों के लिए अलग अलग समय पर आध्यात्मिक वृंदावन यात्रा का आयोजन होगा। जयपुर को गुप्त वृंदावन धाम भी कहा जाता है, दामोदर मास में भक्तों को गुप्त वृंदावन धाम की यात्रा करवाई जाएगी। जिसमे गोविंद देवजी, गोपीनाथजी, दामोदरजी प्रमुख है।
कार्तिक मास में मंदिर में दीपावली पर भव्य आयोजन होगा, गोवर्धन पूजा पर हज़ारों भक्त में मंदिर में बनाए गए विशेष गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करेंगे, 5 नवंबर को श्रील प्रभुपाद तिरोभाव तिथि जिसमें भक्त प्रभुपाद की लीलाओं का स्मरण करेंगे। 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा पर कार्तिक/दामोदर मास और दीपोत्सव का समापन होगा।
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