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– राष्ट्रीय राजनीति के साथ केरल की सियासत को साधने की कोशिश नई दिल्ली विशेष
– राष्ट्रीय राजनीति के साथ केरल की सियासत को साधने की कोशिश नई दिल्ली विशेष संवाददाता
कांग्रेस ने आखिरकार पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को वायनाड उपचुनाव में अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। इसके साथ ही प्रियंका की चुनावी राजनीति में शुरुआत हो गई है। पार्टी ने बहुत सोच समझकर वायनाड से उनको चुनाव मैदान में उतारा है। इनके जरिए पार्टी ने राष्ट्रीय राजनीति के साथ केरल की सियासत को साधने की कोशिश की है। केरल में वर्ष 2026 में विधानसभा चुनाव हैं।
पार्टी के अंदर लंबे वक्त से यह मांग उठती रही है कि प्रियंका को चुनाव मैदान में उतरना चाहिए पर कांग्रेस ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। उप्र विधानसभा चुनाव में भी यह मांग पूरी शिद्दत से उठी थी कि प्रियंका गांधी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जाए, पर पार्टी चुप्पी साधे रही। हालांकि लोकसभा में दो सीट से चुनाव जीतने के बाद राहुल गांधी ने जब वायनाड सीट छोड़ने का ऐलान किया, तभी प्रियंका गांधी को प्रत्याशी घोषित कर दिया गया था।
प्रियंका गांधी को उम्मीदवार बनाकर यह संदेश देने की कोशिश की है कि कांग्रेस ने वायनाड के साथ कोई धोखा नहीं किया है। राहुल गांधी ने अगर रायबरेली सीट चुनी है, तो अपनी बहन को वायनाड भेजा है। क्योंकि, दक्षिण में कर्नाटक के अलावा पार्टी की स्थिति बहुत मजबूत नहीं है। प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने से यह संदेश जाएगा कि कांग्रेस दक्षिण को लेकर गंभीर है। लोकसभा चुनाव में पार्टी केरल की 20 में 14 सीट पर अपनी जीत दर्ज करने में सफल रही थी।
केरल में कांग्रेस सत्ता से बाहर है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के बाद जीत की उम्मीद जगी थी, पर 2021 विधानसभा में लेफ्ट गठबंधन एक बार फिर जीत दर्ज करने में सफल रहा। ऐसे में पार्टी कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाने के लिए पार्टी ने प्रियंका गांधी को केरल भेजा है। पार्टी को उम्मीद है कि प्रियंका गांधी का असर विधानसभा चुनाव पर भी दिखाई देगा। इसके साथ प्रियंका गांधी के जरिए पार्टी ने उत्तर व दक्षिण में संतुलन बनाया है।
प्रियंका गांधी जीतकर संसद पहुंचती है, तो कांग्रेस को लोकसभा में हिंदी में मजबूती के साथ अपनी बात रखने वाला वक्ता मिल जाएगा। क्योंकि, लोकसभा में पार्टी के पास हिंदी में भाषण देने वाले वक्ताओं की कमी है, जबकि सत्तापक्ष में प्रधानमंत्री सहित तमाम नेता हिंदी में अपनी बात रखते हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि प्रियंका गांधी के संसद में पहुंचने से कांग्रेस को फायदा होगा। उन्होंने इन अटकलों को खारिज कर दिया कि भाजपा एक बार फिर परिवारवाद का मुद्दा उठा सकती है। वह मानते हैं कि सियासत में परिवारवाद अब कोई मुद्दा नहीं रहा है।
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