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Gyanvapi Case
– फोटो : अमर उजाला
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ज्ञानवापी से संबंधित दो वर्ष पुरानी एक अर्जी पर मंगलवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन/फास्ट ट्रैक कोर्ट युगल शंभू की अदालत में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से बहस शुरू की गई। वादी पक्ष की ओर से कहा गया कि ज्ञानवापी मस्जिद जहां है, उसी परिसर में वर्ष 1991 तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्वयंसेवक शाखा लगाया करते थे। उन्हें बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया गया था।
इस पर मसाजिद कमेटी की ओर से कहा गया कि दावे के समर्थन में कोई साक्ष्य वादी ने दाखिल नहीं किया है। मामले की सुनवाई की अगली तिथि 17 अक्तूबर नियत की गई है। बजरडीहा के विवेक सोनी और चितईपुर के जयध्वज श्रीवास्तव ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से अदालत में 25 मई 2022 को अर्जी दाखिल की थी।
अर्जी में गुहार लगाई गई है कि स्थाई निषेधाज्ञा के जरिये मुस्लिम पक्ष को मना किया जाए कि वे ज्ञानवापी स्थित आदि ज्योतिर्लिंग श्री काशी विश्वनाथ के पूजा-पाठ और राग-भोग सहित अन्य कार्यों में विधि विरुद्ध तरीके से व्यवधान न डालें।
मसाजिद कमेटी ने अर्जी की पोषणीयता पर बहस शुरू कर दी है। 17 अक्तूबर को शेष बहस के लिए अदालत ने तारीख नियत की है। इससे पहले गत सात अक्तूबर को मसाजिद कमेटी की ओर से इस मामले में समय मांगे जाने पर अदालत ने 300 रुपये का हर्जाना लगाया था।
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