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झारखंड के सिमडेगा में तीन बच्चियां खेल रहीं थीं। खेलते-खेलते वो एक पड़ोसी के घर में चली गईं। वहां तीनों खेल ही रही थीं कि तभी उनकी नजर खिड़की पर रखे कीटनाशक पर गई। कीटनाशक लाल रंग का था। तीनों बच्चियों को लगा कि मिठाई रखा है। इसके बाद तीनों ने कीटनाशक को मिठाई समझ कर खा लिया। इससे दो बच्चियों की मौत हो गई है। वहीं तीसरी की हालत गंभीर है। अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। मृत बच्चियों में अनिल लुगून की बेटी याचना लुगून और प्रमोद टोपनो की साढ़े बेटी सृष्टि टोपनो शामिल हैं। यह जलडेगा इलाके की घटना है।
लाल रंग के कीटनाशक को मिठाई समझ कर खाया
जोसेफ लोमगा की छह वर्षीय बेटी सृष्टि लोमगा का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है। इधर, पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद दोनों शव परिजनों को सौंप दिए। मृत बच्ची याचना के पिता अनिल लुगून ने बताया कि उनकी बेटी मंगलवार की सुबह सृष्टि टोपनो और सृष्टि लोमगा के साथ खेल रही थी। खेलने के क्रम में ही तीनों पड़ोस के इलियास कंडुलना के घर चली गईं और वहां खेलने लगीं। इसी दौरान घर की खिड़की में रखे लाल रंग की कीटनाशक दवा को बच्चियों ने मिठाई समझकर खा लिया।
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वहीं एक दूसरे मामले में गिरिडीह में बासी मीट खाने से आधा दर्जन लोग बीमार हो गए हैं। सरिया के चिचाकी गांव के हकपोक टोला के एक ही परिवार के आधा दर्जन लोग विषाक्त मटन खाने से बीमार हो गए और डायरिया की चपेट में आ गए। इनमें एक बच्ची व दो महिलाएं भी शामिल हैं। सभी लोगों का इलाज सरिया के एक निजी क्लीनिक में चल रहा है।
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