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दिल्ली मेट्रो के एरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर के निर्माण की बाधाओं को अब उपराज्यपाल ने दूर कर दिया है। उपराज्यपाल ने दक्षिण दिल्ली के खानपुर गांव में 1688 वर्ग मीटर भूमि अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है।
दिल्ली मेट्रो के एरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर के निर्माण की बाधाओं को अब उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दूर कर दिया है। उपराज्यपाल ने दक्षिण दिल्ली के खानपुर गांव में 1688 वर्ग मीटर भूमि अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है। साथ ही, मेट्रो फेज-5 के एरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर की सबसे बड़ी बाधा दूर हो गई है। यह मामला वर्ष 2020 से लंबित था।
सक्सेना ने शिक्षा विभाग की 1600 वर्ग मीटर भूमि को एक वर्ष के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) को ट्रांसफर करने की भी मंजूरी दे दी है। इसके लिए डीएमआरसी किराये के रूप में 13,37,135 रुपये देगा। इस निर्णय से दिल्ली मेट्रो के आरके आश्रम-मजलिस पार्क और इंद्रप्रस्थ-इंद्रलोक कॉरिडोर पर इंटरचेंज स्टेशन के निर्माण में सुविधा होगी।
खाली पड़ी इस भूमि का उपयोग ईदगाह रोड पर बनने वाले अंडरग्राउंड नबी करीम मेट्रो स्टेशन से जुड़ी निर्माण गतिविधियों के लिए किया जाएगा। यह अंडरग्राउंड स्टेशन उसी जमीन के टुकड़े के नीचे बनेगा, जिसे शिक्षा विभाग से लेकर डीएमआरसी को ट्रांसफर किया गया है। एक बार निर्माण कार्य पूरा होने के बाद भूमि के इस टुकड़े को वापस शिक्षा विभाग को सौंप दिया जाएगा।
चार साल से लंबित था मामला
खानपुर में जमीन अधिग्रहण का मामला 2020 से लंबित था। डीएमआरसी ने इसके लिए सात जुलाई 2020 को अनुरोध किया था। एक बार जमीन के अधिग्रहण के बाद अब एरोसिटी-तुगलकाबाद मेट्रो कॉरिडोर के महत्वपूर्ण सेक्शन को एक वर्ष की समयाविधि में पूरा कर लिया जाएगा। इससे दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के घनी आबादी वाले कॉलोनियों से एयरपोर्ट और मेट्रो की दूसरी लाइनों से जुड़ी जगहों पर आना-जाना आसान हो जाएगा। वहीं महरौली-बदरपुर रोड पर जाम से भी राहत मिल जाएगी।
इसी तरह ईदगाह रोड पर नबी करीम मेट्रो इंटरचेंज स्टेशन विकसित होने के बाद दिल्ली मेट्रो के आरके आश्रम-मजिलस पार्क और इंद्रप्रस्थ-इंद्रलोक कॉरिडोर पर सफर करने वाले यात्रियों की निर्बाध यात्रा में मदद मिलेगी।
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