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झारखंड में साल 2019, 2014, 2009 में पांच चरणों में विधानसभा चुनाव हुए थे। नक्सल प्रभाव वाले इलाके में माओवादी हस्तक्षेप घटने के कारण इस बार सिर्फ दो चरणों में ही विधानसभा चुनाव होंगे। साल 2019 तक राज्य के 16 जिले नक्सल प्रभाव वाले थे, जबकि पांच से अधिक जिलों में नक्सलियों का घोर प्रभाव था। लेकिन साल 2024 आते-आते माओवादी व दूसरे नक्सल समूहों की जमीन झारखंड में कमजोर हुई है। झारखंड में अब एकमात्र जिला पश्चिमी सिंहभूम है, जो देश के घोर नक्सल प्रभाव वाले 12 जिले में एक है। भारत सरकार के गृह विभाग के वामपंथ उग्रवाद डिविजन ने अप्रैल 2024 में देशभर की नक्सल समस्या से ग्रस्त जिलों की सूची जारी की थी। इसमें नौ राज्यों के 38 जिले थे। झारखंड के पांच जिले- गिरिडीह, गुमला, लातेहार, लोहरदगा और पश्चिमी सिंहभूम को नक्सल प्रभावी जिला माना गया था। इसमें पश्चिमी सिंहभूम घोर नक्सल प्रभावी जिला था, जबकि शेष चार डिस्ट्रिक्ट आफ कंसर्न की श्रेणी में हैं।
महाराष्ट्र में एक चरण में विधानसभा चुनाव हो रहे, जबकि झारखंड में दो चरणों में। तुलनात्मक रूप से छोटे राज्य झारखंड में दो चरणों में चुनाव कराने के तर्क पर मंगलवार को भारत निवार्चन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने स्पष्ट किया कि झारखंड में नक्सल समस्या है। इसके कारण यहां दो चरणों में चुनाव हो रहे। उन्होंने कहा भी कि पूर्व में झारखंड में पांच चरणों में इसी समस्या के कारण चुनाव होते आए हैं।
चुनाव के पहले 2019 में माओवादियों ने दी थी चुनौती
● साल 2019 में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले माओवादियों ने अपनी मौजूदगी का अहसास कराया था।
● 22 नवंबर 2019 को चंदवा के लुकईया मोड़ पर पुलिस पार्टी पर हमला कर माओवादियों ने चार पुलिसकर्मियों को मार डाला था।
● 23 नवंबर 2019 को पलामू के पिपरा में दो लोगों की माओवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
● गुमला, चाईबासा और रांची में विस्फोट कर चुनाव पार्टी पर हमला किया था।
● सरायकेला व खूंटी में पुलिस मुठभेड़ हुई थी। चाईबासा व लोहरदगा में आगजनी भी हुई थी।
● पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार विधानसभा 2019 के दौरान कुल 10 नक्सल कांड दर्ज किए गए थे।
महाराष्ट्र के सिर्फ दो जिले- गढ़चिरौली और गोंदिया नक्सल प्रभावी हैं। वहां का सिर्फ एक जिला गढ़चिरौली घोर नक्सल प्रभावी है। कोई जिला डिस्ट्रिक्ट आफ कंसर्न की श्रेणी में शामिल नहीं है। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, झारखंड में नक्सल संगठन का प्रभाव अधिक रहा है। गृह मंत्रालय के अनुसार नक्सल समस्या के लिहाज से सरायकेला-खरसांवा, चतरा, खूंटी, रांची, बोकारो और गढ़वा जिला को लेगेसी एंड थ्रस्ट डिस्ट्रिक्ट के तौर पर रखा गया है। महाराष्ट्र का कोई जिला इन श्रेणी में नहीं है।
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