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एलईडी टीवी पर विज्ञापन चलवाने की फ्रेंचाइजी दिलाने और हर महीने कमाई का झांसा देकर हजारों लोगों से 700 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी करने वाले गिरोह के सरगना को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। दसवीं तक पढ़ाई करने वाले आरोपी के खिलाफ 24 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं।
एलईडी टीवी पर विज्ञापन चलवाने की फ्रेंचाइजी दिलाने और हर महीने कमाई का झांसा देकर हजारों लोगों से 700 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी करने वाले गिरोह के सरगना को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। दसवीं तक पढ़ाई करने वाले आरोपी के खिलाफ उत्तर प्रदेश, हरियाणा और मध्य प्रदेश के कई जिलों में 24 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं।
एडीसीपी मनीष कुमार मिश्र ने बताया कि आरोपी और उसके साथी नोएडा में तीन अलग-अलग स्थानों पर फर्जी कंपनी खोलकर सैकड़ों लोगों से ठगी कर चुके हैं। इटावा जिले के गांव उदयपुर खुर्द निवासी सुखवेंद्र सिंह ने 22 अगस्त को विनोद कुमार उर्फ अनुज समेत 16 लोगों के खिलाफ थाना फेज-1 में मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने बताया था कि सेक्टर-3, 16 और 11 में सिटी प्राइम ब्रॉडकास्टिंग प्राइवेट लिमिटेड के नाम से कंपनी के कार्यालय हैं। उन्होंने कंपनी से एलईडी लगवाया था।
अनुबंध के आधार पर उन्हें सिर्फ दो महीने का किराया मिला। आरोपियों ने 20 लाख रुपये सिक्योरिटी राशि भी हड़प ली। केस दर्ज होने के बाद से पुलिस आरोपियों को पकड़ने में जुटी थी। पुलिस ने दो महीने की जांच-के बाद विनोद कुमार उर्फ अनुज को गिरफ्तार कर लिया। वह राजस्थान के जिला अलवर के गांव साहोड़ी का रहने वाला है। पुलिस के अनुसार, वह गिरोह का मुख्य आरोपी है।
लोगों को झांसे में लेकर ऐसे करते थे ठगी
पुलिस ने बताया कि गिरोह के सदस्य सोशल मीडिया के माध्यम से कंपनी का प्रचार करते हैं। वह व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर एलईडी टीवी लगाकर विभिन्न ब्रांड/कंपनियों के विज्ञापन चलवाने और इसकी एवज में प्रति माह 10 से 15 हजार रुपये प्रतिष्ठान के मालिक को देने का झांसा देते। गिरोह फ्रेंचाइजी देने और एलईडी टीवी लगवाने के लिए एक मुश्त 50 हजार से लेकर डेढ़ लाख रुपये तक वसूलता, लेकिन एलईडी लगवाने के बाद एक या दो माह तक भुगतान करते और तकनीकी कमी बताकर रुपये देना बंद कर देता। पीड़ित अधिक विरोध करते तो ऑफिस बंद कर दूसरे शहर में किसी अन्य नाम से कंपनी खोलकर ठगी शुरू कर देते थे।
यूपी के कई शहरों में रुपये ऐंठे
पुलिस पूछताछ में पता चला कि गिरोह तीन राज्यों में सबसे अधिक सक्रिय है। आरोपियों ने चंडीगढ़ में सबसे अधिक करीब 500 करोड़ रुपये की ठगी की। इसके अलावा इंदौर में 50 करोड़, कानपुर में 25 करोड़, औरैया में 20 करोड़, लखीमपुर खीरी में 18 करोड़, इटावा में 22 करोड़, फर्रुखाबाद में 28 करोड़, कन्नौज में 32 करोड़ की ठगी कर चुके। नोएडा में भी इन्होंने रुपये ऐंठे।
नौकरी छोड़कर ठगी शुरू की
गिरफ्तार आरोपी विनोद कुमार ने पुलिस को बताया कि वह महज 10वीं पास है। वह जयपुर स्थित एक फाइनेंस कंपनी में बतौर सेल्समैन नौकरी करता था। वहां उसकी मुलाकात कंपनी में काम करने वाले शिवम कटारिया और सिद्धार्थ से हुई। दोनों ने उसे कम समय में जल्दी अमीर बनने का सपना दिखाया। वर्ष 2018-19 में तीनों ने एक साथ नौकरी छोड़ दी और डिजिटल एडवरटाइजिंग के व्यापार में लोगों के साथ ठगी करना शुरू कर दिया।
इंदौर पुलिस फरार घोषित कर चुकी
आरोपियों ने इंदौर में यूनिक एडवरटाइजिंग के नाम से ओल्ड पलासिया में कंपनी खोली। यहां कंपनी का डायरेक्टर अमित श्रीवास्तव को बनाया। एक वर्ष में सैकड़ों लोगों से ठगी की। मध्य प्रदेश के जिला बड़वानी निवासी दिलीप कुमार अग्रवाल ने इंदौर में एफआईआर दर्ज कराई। इससे कुछ दिन पहले ही आरोपियों ने कंपनी बंद कर दी। इंदौर पुलिस ने अमित श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, जबकि विनोद को फरार घोषित कर न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल कर दिया।
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