[ad_1]
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत और स्वीडन के बीच ऊर्जा और स्वास्थ्य चुनौतियों के लिए स्केलेबल और लागत प्रभावी समाधान विकसित करने की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने भारत की नवाचार क्षमताओं की…
नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा है कि ऊर्जा और स्वास्थ्य चुनौतियों के लिए स्केलेबल और लागत प्रभावी समाधान विकसित करने के लिए स्वीडन के साथ सहयोग की अपार संभावनाएं हैं। वह सोमवार को 11वें भारत-स्वीडन नवाचार दिवस (आईएसआईडी) को संबोधित कर रहे थे। विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री ने कहा कि स्वीडन नवाचार में वैश्विक नेता है। स्वीडन वर्तमान में ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (जीआईआई) 2024 में 133 अर्थव्यवस्थाओं में दूसरे स्थान पर है। सिंह ने कहा कि भारत और स्वीडन 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में भारत की मदद करने के लिए सरकारी और गैर-सरकारी दोनों क्षेत्रों में विभिन्न स्तरों पर सहयोग कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के तहत विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार पर विशेष ध्यान दिया गया है। भारत आज विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी राष्ट्र होने का दावा करने की स्थिति में है। उदाहरण के लिए, अंतरिक्ष क्षेत्र में, हम अगले साल एक मानव भेजने की योजना बना रहे हैं, जो भारत द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित पहला मानव मिशन होगा।
उन्होंने कहा, अगले साल हम डीप-सी मिशन के हिस्से के रूप में 6,000 मीटर की गहराई पर एक भारतीय भेजने की उम्मीद करते हैं। अनुसंधान और नवाचार भारत-स्वीडन साझेदारी के महत्वपूर्ण पहलू रहे हैं।
आईएसआईडी का 11वां संस्करण इस साझेदारी के निरंतर महत्व और सफलता को दर्शाता है। 2021 से आईएसआईडी के उद्घाटन में मंत्री की उपस्थिति स्वीडन के साथ अपनी नवाचार साझेदारी के लिए भारत की प्रतिबद्धता का संकेत देती है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) और जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) जैसी कई भारतीय और स्वीडिश सरकारी एजेंसियां अनुसंधान पहलों में भागीदारी कर रही हैं और संयुक्त रूप से वित्त पोषण कर रही हैं।
[ad_2]
Source link