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Iran-Israel Conflict: इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान, इजरायल की किसी भी आक्रामकता का जवाब देने के लिए तैयार है. ऐसे में ईरान का खास दोस्त रूस खुलकर उसके साथ आ गया है. यहां तक की रूस ने अपना बेहद खास एयर डिफेंस सिस्टम एस 400 ईरान को दे दिया है, लेकिन जंग के हालात अगर बने तो ईरान का दोस्त चीन भी उसके साथ मोर्चा संभालेगा.
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामनेई जब जनता के बीच संबोधन कर रहे थे तब ईरान का खास दोस्त मुल्क चीन हथियारों के जरिए दुश्मन के खिलाफ मोर्चा संभाले था. उसे जरा भी खतरे का अंदाजा होता तो वह काम को अंजाम भी दे देता. चीन ने जिन हथियारों से मोर्चा संभाला हुआ है उसमें लगे डिवाइस दुश्मन की मिसाइल और ड्रोन को देखते ही निशाना बनाकर खत्म कर देते हैं.
सेकेंड में मिसाइल हवा में कर देता है तबाह!
ईरान में चीन के जिन हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा है, वह लेजर गाइडेड है. यानी लेजर की तकनीक के जरिए यह कुछ ही सेकंड्स में दुश्मन की मिसाइल पर सटीक निशाना लगाकर उन्हें हवा में ही तबाह करने की क्षमता रखता है. इन हथियारों की तैनातियों से यह तो समझा जा सकता है कि न केवल रूस बल्कि ईरान को चीन का भी साथ मिल गया है. ‘यूरेशियन टाइम्स’ को चीन की पीएलए पर नजर रखने वाले एक शख्स ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि ये हथियार शेनॉन्ग शील्ड 3000 (Shenong Shield 3000) जैसा दिखता है, जो चीन का बेहद खतरनाक हथियार है. अब इन हथियारों का इस्तेमाल ईरान इजरायल के हमलों से बचने के लिए करेगा.
ईरान को कब मिला हथियार?
जानकार मानते हैं कि ये हथियार एक अलग डिजाइन का भी हो सकता है. एंटी ड्रोन लेजर सिस्टम बहुत आम हो गया है. हो सकता है कि ये ईरान का सिस्टम हो. अब सवाल यह है कि अगर यह हथियार चीन का है तो ये ईरान कब लाया गया? क्या इजरायल पर हमले से पहले तेहरान ने चीन से यह सिस्टम मंगा लिया था या पहले से ईरान तैयारी कर के बैठा था? यानी चीन भी रूस की तरह ही इजरायल के खिलाफ खड़ा नजर आ रहा है.
…तो यह बात समझा रहा अमेरिका
इजरायल के खिलाफ ईरान की तैयारियों को देखते हुए अमेरिका, इजरायल को बार-बार यह समझा रहा है कि वह सीधे तौर से ईरान के साथ भिड़ने से बचें. ऐसा इसलिए क्योंकि सीरिया, गाजा और लेबनान का हिसाब अलग है और ईरान का बिल्कुल अलग है. खास बात यह भी है कि चीन ने इजरायल पर ईरान के जरिए किए गए हमले की निंदा नहीं की है. चीन की तरफ से सिर्फ इतना ही बयान आया कि वह इलाके में टेंशन को लेकर फिक्रमंद है.
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