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70 साल के एक बुजुर्ग की मौत मिस्ट्री बनी हुई है। उसकी मौत सर्पदंश से हुई या नेचुरल ये अब तक पता नहीं चल सका है। अब इसका खुलासा फोरेंसिक लैब की बिसरा रिपोर्ट से होगा। इस बीच बुजुर्ग की मौत के बाद परिजन सर्पदंश की रिपोर्ट बनवाना चाहते थे और डॉक्टर इनका
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आखिर इस मामले ने इतना तूल क्यों पकड़ा पढ़िए पूरी कहानी… सागर जिले के मेढ़की गांव के रहने वाले बुजुर्ग धनसिंह मजदूरी करते थे। मजदूरी के लिए ही दिलहरी गांव के लक्ष्मीनारायण यादव के घर के दालान में ठहरे थे। 10 सितंबर को रात करीब 1 बजे जब वो सो रहे थे तभी सांप ने डस लिया। लक्ष्मीनारायण यादव ने तत्काल धनसिंह के पोते रोहित को सूचना दी। रोहित दिलहरी पहुंचा और दादा का लोकल डॉक्टर से इलाज कराया, जिसके बाद केसली के सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचा। जहां डॉक्टर ने चेकअप के बाद धनसिंह को मृत घोषित कर दिया।
पोस्टमार्टम डॉ. दीपक दुबे ने किया। पीएम के बाद शव परिवार वालों को सौंप दिया गया। परिजन ने शव घर ले जाकर अंतिम संस्कार कर दिया। बस यहीं से पीएम रिपोर्ट को लेकर हंगामा शुरू हो गया।
केसली थाने में विधायक बृजबिहारी पटैरिया ने दिया था धरना।
डॉक्टर ने कहा- सर्पदंश से मौत नहीं हुई परिजन धनसिंह की मौत सर्पदंश से होना बता रहे हैं, लेकिन पीएम करने वाले डॉक्टर का कहना है कि उसके शरीर पर सांप के डसने के निशान नहीं मिले हैं। अब मौत के कारणों का खुलासा एफएसएल जांच आने के बाद हो सकेगा, लेकिन मृतक के परिवार वालों का दावा है कि बुजुर्ग की मौत सांप के डसने से ही हुई थी। उनके पास मरे हुए सांप की फोटो भी है।
एक माह बाद मामले में विधायक की एंट्री एक माह बाद जब परिवार के लोग देवरी विधायक बृजबिहारी पटैरिया से मिले। मृतक के परिजनों का आरोप है कि पीएम करने वाले डॉक्टर ने 40 हजार रुपए रिश्वत की डिमांड की थी। पटैरिया ने 10 अक्टूबर को समर्थकों के साथ केसली थाने पहुंचे। विधायक डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग कर रहे थे। सुनवाई नहीं होने पर वह धरने पर बैठ गए। इसके बाद विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था।
मामले ने तूल पकड़ा तो पुलिस अफसरों ने देर रात डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। साथ ही केसली थाना प्रभारी को लाइन अटैच किया। वहीं, डॉक्टर दीपक दुबे को केसली अस्पताल से हटाकर बीना सिविल अस्पताल में अटैच किया। विभागीय जांच भी बैठा दी गई है।
पीएम रिपोर्ट लेने गया तो मांगे 40 हजार रुपए मृतक धनसिंह के पोते रोहित यादव का कहना है कि दादा की सर्पदंश से ही मौत हुई थी। दादा के शव का पीएम डॉक्टर दीपक दुबे ने किया था। पोस्टमार्टम के कुछ दिन बाद पीएम रिपोर्ट लेने केसली थाने गया। जहां पता चला कि अस्पताल से पीएम रिपोर्ट नहीं मिली है। इस पर वह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र केसली गया और पीएम रिपोर्ट के संबंध में पूछताछ की। अस्पताल में मौजूद कर्मचारी ने बताया कि डॉक्टर दीपक से उनके क्लिनिक पर जाकर संपर्क करो। 3 अक्टूबर की शाम करीब 4 बजे डॉक्टर दीपक से उनके क्लिनिक पर मिला। डॉक्टर बोले कि तुम्हें चार लाख रुपए मिलेंगे। उसका 10% देना पड़ेगा। 2 से 3 दिन में व्यवस्था करके लाओ, तब मैंने कहा- सर मैं गरीब आदमी हूं, इतने पैसे कहां से लाऊंगा। डॉक्टर नहीं माने। मैंने बोला कि ठीक है सर, मैं कुछ करता हूं। फिर मैं अपने घर आ गया। परिवार वालों और गांव के परिचितों को बताया कि डॉक्टर पीएम रिपोर्ट देने के बदले में पैसे मांग रहे हैं।
धक्का देकर क्लिनिक से बाहर किया रोहित यादव ने बताया, दो दिन बाद रिश्ते के चाचा पवन दीक्षित के साथ डॉक्टर दीपक दुबे के क्लिनिक केसली गया। चाचा ने डॉक्टर से कहा कि ये लोग गरीब हैं। इतने पैसे आपको नहीं दे सकते। इस पर डॉक्टर ने कहा कि रहने दो। मैं पीएम रिपोर्ट में सांप के डसने से मौत न लिखकर नार्मल रिपोर्ट थाने में भिजवा दूंगा। चाचा ने कहा कि आप 10 हजार रुपए ले लो और पीएम रिपोर्ट बना दो। डॉक्टर ने कहा कि मैंने जो 10% का बोला है उतना करो, ज्यादा बात करने की जरूरत नहीं है। मुझे और चाचा को धक्का देकर क्लिनिक से बाहर कर दिया। इसके बाद मैंने सीएम हेल्पलाइन पर डॉक्टर की शिकायत की थी।
डॉक्टर ने नॉर्मल रिपोर्ट बनाकर थाने में दी मृतक के पोते रोहित ने आरोप लगाते हुए कहा कि रुपए नहीं देने के कारण डॉक्टर ने जानबूझकर दादा की पीएम रिपोर्ट में सर्पदंश का उल्लेख नहीं किया और सामान्य मौत लिखी है। ताकि सर्पदंश से मौत पर मिलने वाली सहायता राशि मेरे परिवार को न मिल पाए। पूरा परिवार मानसिक रूप से परेशान है। 10 अक्टूबर को मृतक के परिजन जनप्रतिनिधियों के साथ डॉक्टर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने केसली थाने पहुंचे। इसी दौरान मामले की जानकारी मिलते ही विधायक पटैरिया भी थाने पहुंच गए, जहां उन्होंने डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही।
केसली थाने में विधायक के साथ धन सिंह के परिजनों ने प्रदर्शन किया।
डॉक्टर ने कहा- बॉडी पर नहीं मिले सर्पदंश के निशान डॉक्टर दीपक दुबे ने कहा, 10 अक्टूबर को सीएससी केसली में धनसिंह के शव का पोस्टमार्टम किया था। इस दौरान परिजन ने बताया था कि सर्पदंश के बाद इलाज कराया गया था। पीएम निरीक्षण में बॉडी पर सर्पदंश के निशान नहीं मिले और न ही मौत से पहले उपचार के निशान मिले। परिजन का कहना था कि गर्दन पर सांप ने डसा है। पीएम के दौरान मृतक का बिसरा और स्किन सैंपल लेकर एफएसएल लैब जांच के लिए भेजे गए हैं। एफएसएल रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारणों पर स्पष्ट अभिमत दिया जा सकता है। परिवार वाले चाह रहे थे कि पीएम रिपोर्ट में धनसिंह की मौत सर्पदंश से होना लिखूं। मगर यह संभव नहीं था। वह लगातार दबाव बना रहे थे। मुझे धमकियां भी दी जा रही थीं। उन्होंने मुझ पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है जो पूरी तरह झूठा है। यदि मैंने रिश्वत मांगी है और उनके पास सबूत हैं तो साबित करें।
अब तक मामले में टीआई और डॉक्टर को हटाया मामले को लेकर केसली थाने में देवरी से भाजपा विधायक बृजबिहारी पटैरिया के धरने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टर दीपक दुबे को तत्काल प्रभाव से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र केसली से हटाकर सिविल अस्पताल बीना अटैच किया है। वहीं पुलिस विभाग ने केसली थाना प्रभारी अजय कुमार को लाइन अटैच कर दिया है। इसके अलावा पोस्टमार्टम रिपोर्ट के एवज में पैसे मांगने के मामले में डॉ. दीपक दुबे पर विभागीय जांच बैठाई गई है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ममता तिमोरी ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच दल का गठन किया है। गठित जांच दल 7 दिन में रिपोर्ट पेश करेगा। जांच दल में डॉ. जेएस धाकड़, डॉ. जीपी आर्य और डॉ. विपिन खटीक को शामिल किया गया है।
परिजन का दावा है कि इसी सांप ने बुजुर्ग काे डसा था।
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सागर जिले के देवरी से भाजपा विधायक बृजबिहारी पटैरिया ने कहा है कि वो दुर्भाग्यपूर्ण क्षण था, जब मैंने आक्रोश में आकर इस्तीफा लिख दिया। पार्टी मेरे साथ है, मुख्यमंत्री मेरे साथ हैं। जिन्होंने मुझे इस पद तक पहुंचाया, वो सब मेरे साथ हैं। अब उन सबके निर्देशों और मुख्यमंत्री के आदेशों का पालन करूंगा। पूरी खबर पढ़ें
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