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हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी के अंदर घमासान मचा हुआ है। सैलजा के समर्थक नेता चुनाव में हार का ठीकरा पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के सिर फोड़ रहे हैं। इस बीच भूपेंद्र हुड्डा और उनके सांसद बेटे दीपेंद्र हुड्डा दिल्ली स्
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उनके सामने नेता अपना-अपना दुखड़ा रो रहे हैं। नेताओं ने कई सीटों पर भीतरघात की बात कही। उनका कहना है कि जो वर्कर प्रचार में साथ खड़े होकर फोटो खींचा रहे थे, उन्होंने बाद में वोट किसी और को दिला दिए।
इस बात का जिक्र नेताओं ने हुड्डा के आवास पर माहौल जानने पहुंचे भास्कर रिपोर्टरों के साथ किया। भास्कर रिपोर्टर हुड्डा के आवास के साथ हरियाणा भवन में हलचल जानने पहुंचे। अब दोनों जगह की रिपोर्ट पढ़िए…
हुड्डा आवास पर पहुंचे रहे विधायक-वर्कर हुड्डा पिछले 2 दिन से दिल्ली स्थित आवास पर ही हैं। सुबह से शाम तक हुड्डा से उनके खेमे के विधायक और नेता मिलने पहुंच रहे हैं। सोमवार को नूंह से विधायक आफताब अहमद और वीरेंद्र उर्फ गूंगा पहलवान के साथ कई नेता भी पहुंचे।
यहां हुड्डा और उनके बेटे दीपेंद्र हर नेता को मिलने के लिए टाइम दे रहे हैं। इसमें हार के कारणों पर चर्चा हो रही है।
हुड्डा और उनके बेटे मीडिया से बातचीत नहीं कर रहे हैं। ऑफ कैमरा में उन्होंने कहा कि EVM को लेकर याचिका डाली हुई है। उसके जवाब का इंतजार है। जवाब आने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।
हरियाणा भवन में BJP के 5 विधायकों का डेरा पिछले 2 दिन से दिल्ली के हरियाणा भवन में एक कांग्रेस विधायक के अलावा भाजपा के 5 विधायक डटे हुए हैं। ये सभी केंद्रीय नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं।
इन विधायकों में फतेहाबाद से कांग्रेस विधायक बलवान सिंह दौलतपुरिया, नलवा से भाजपा विधायक रणधीर पनिहार, भिवानी से घनश्याम सर्राफ, सफीदों से रामकुमार गौतम, हांसी से विनोद भयाना और इंद्री से विधायक रामकुमार कश्यप शामिल हैं।
2 दिन हरियाणा भवन में रुकने के बाद सोमवार को रणबीर गंगवा हरियाणा के लिए रवाना हो गए। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा- मैं यहां निजी काम से रुका हुआ था। अब हिसार जा रहा हूं। इसके अलावा हरियाणा भवन में राज्यसभा सांसद सुभाष बराला और विधायक कृष्णलाल पंवार आए थे। बराला दोपहर तक यहां रुके। इसके बाद वह दिल्ली के राजेंद्र प्रसाद रोड स्थित अपने सरकारी आवास के लिए निकल गए।
अब पढ़िए हुड्डा और सैलजा खेमे का क्या आरोप…
हुड्डा खेमे की चुनाव आयोग से EVM में में गड़बड़ी की शिकायत भूपेंद्र हुड्डा समर्थक हरियाणा में हुई हार का ठीकरा EVM पर फोड़ रहे हैं। उनका दावा है कि प्रदेश में 20 सीटों की मतगणना में गड़बड़ी हुई है। प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने तो EVM हैक करने के भी आरोप लगाए। कांग्रेस ने चुनाव आयोग को 7 सीटों की लिखित शिकायत सौंपी थी।
इसमें कांग्रेस ने कहा कि जिन EVM में ज्यादा वोट पड़े और फिर भी वह 90% चार्ज थी, इससे BJP को बढ़त मिली। हालांकि जो EVM 40-50% चार्ज थी, उसमें वोट भी कम थे, उनमें कांग्रेस को लीड मिली। उन्होंने इसमें गड़बड़ी का शक जताया। कांग्रेस ने इन EVM को सील कर वीवीपैट की पर्ची से मिलान करने की मांग रखी थी।
सैलजा समर्थक बोले- हमें हराया गया करनाल के असंध से शमशेर गोगी, कुरुक्षेत्र के जिला अध्यक्ष मधुसूदन बवेजा और अंबाला कैंट से कांग्रेस प्रत्याशी रहे परविंदर परी ने हुड्डा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। नेताओं का कहना है कि वे हारे नहीं हैं, उन्हें हराया गया है। गोगी ने कहा कि सैलजा के अपमान के कारण दलितों ने हमें वोट भी नहीं दिया। एक बिरादरी की सरकार नहीं बनती। सबको साथ लेकर चलना पड़ता है।
राहुल गांधी ने हरियाणा के नेताओं पर ठीकरा फोड़ा इससे पहले 10 अक्टूबर को दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर समीक्षा मीटिंग हुई। जिसमें राहुल गांधी ने हार को लेकर कहा कि हमारी पार्टी के नेताओं के इंटरेस्ट पार्टी से ऊपर हो गए, इसी वजह से हार हुई। इसके बाद यहां तय हुआ कि हार के कारण जानने के लिए फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई जाएगी। कमेटी हरियाणा में जाकर नेताओं से चर्चा करके रिपोर्ट हाईकमान को सौंपेगी।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी।
हरियाणा में हार के बाद अध्यक्ष की छुट्टी करेगी कांग्रेस हरियाणा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान की छुट्टी करेगी। पार्टी सूत्रों के मुताबिक हाईकमान ने इसके संकेत दे दिए हैं। इसके अलावा पार्टी की हार पर प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया और नेता विपक्ष रह चुके भूपेंद्र हुड्डा से भी जवाबतलबी की गई है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में अच्छे माहौल के बावजूद हुए उलटफेर को कांग्रेस हाईकमान ने बड़ी गंभीरता से लिया है। जिसके बाद यहां संगठन को लेकर बड़े फेरबदल किए जा रहे हैं।
मौजूदा अध्यक्ष चौधरी उदयभान हुड्डा के करीबी हैं। चुनाव में संगठन को संभालने की जगह उन्होंने खुद चुनाव लड़ा। हालांकि वह होडल सीट से हार गए। कांग्रेस हाईकमान के आगे इसको लेकर भी सवाल खड़े हुए हैं क्योंकि भाजपा के अध्यक्ष मोहन बड़ौली ने राई से विधायक होते हुए भी संगठन की जिम्मेदारी बता चुनाव नहीं लड़ा था।
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