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आगरा कलेक्ट्रेट
– फोटो : सोशल मीडिया
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उत्तर प्रदेश के आगरा में जनसुनवाई में अधिकारियों की लापरवाही नहीं थम रही। सीएम, मंडलायुक्त व डीएम के निर्देश के बावजूद गुणवत्तापूर्ण निस्तारण नहीं हो रहा है। सोमवार को डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने समीक्षा में 112 मामले डिफॉल्टर श्रेणी में मिलने पर नाराजगी जताई। उन्होंने सीएमओ, बीएसए, डीएसओ, डीपीआरओ समेत पांच अधिकारियों का एक दिन का वेतन रोकने के निर्देश दिए।
सितंबर माह में आईजीआरएस पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही के कारण आगरा की 65वीं रैंक आई है। इसे सुधारने के लिए डीएम ने पिछले सप्ताह 50 अधिकारियों का वेतन रोका था। इसके बावजूद रवैये में सुधार नहीं हुआ।
सोमवार को फिर समीक्षा में लापरवाही मिलने पर डीएम ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की। पांच अधिकारियों का एक-एक दिन का वेतन रोकने और एडीओ पंचायत फतेहाबाद, आईजीआरएस नोडल अधिकारी एसीएमओ, पूर्ति निरीक्षक के विरुद्ध कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजने के निर्देश दिए।
जनसुनवाई के प्रभारी अधिकारी एडीएम प्रोटोकॉल प्रशांत तिवारी ने डीएम को बताया कि 112 शिकायतों का तय समय सीमा में निस्तारण नहीं हुआ। डीएम ने सभी अधिकारियों से कहा कि जिन मामलों में शिकायतकर्ता निस्तारण से संतुष्ट नहीं हैं, उन्हें कार्यालय बुलाकर संतुष्ट किया जाए। बैठक में सीडीओ प्रतिभा सिंह, डीडीओ राकेश रंजन, सीएमओ अरुण श्रीवास्तव, डीपीआरओ मनीष कुमार आदि मौजूद रहे।
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