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Nobel Prize 2024: संस्थाएं कैसे बनती हैं और समृद्धि को कैसे प्रभावित करती हैं, इस पर अध्ययन के लिए 2024 का अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिया गया है. ये नोबले प्राइज डेरॉन ऐसमोग्लू, साइमन जॉनसन और जेम्स ए. रॉबिन्सन को दिया गया.
नोबेल प्राइज ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “राजनीतिक संस्थाओं के गठन और परिवर्तन की परिस्थितियों को समझाने के लिए पुरस्कार विजेताओं के मॉडल में तीन घटक हैं. पहला यह है कि संसाधनों का आवंटन कैसे किया जाता है और समाज में निर्णय लेने की शक्ति किसके पास है (कुलीन वर्ग या आम जनता के पास), इस पर संघर्ष होता है.”
पोस्ट में आगे कहा गया, “दूसरा यह है कि कभी-कभी जनता को सत्ताधारी अभिजात वर्ग को संगठित करके और धमकाकर सत्ता का प्रयोग करने का अवसर मिलता है; इस प्रकार समाज में सत्ता निर्णय लेने की शक्ति से कहीं अधिक है. तीसरी समस्या प्रतिबद्धता की समस्या है, जिसका अर्थ है कि अभिजात वर्ग के लिए एकमात्र विकल्प निर्णय लेने की शक्ति जनता को सौंपना है.”
पहली बार किसने जीता था ये प्राइज?
इस पुरस्कार को आधिकारिक तौर पर ‘अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में आर्थिक विज्ञान में बैंक ऑफ स्वीडन पुरस्कार’ के रूप में जाना जाता है. सेंट्रल बैंक ने इसे 19वीं सदी के स्वीडिश व्यवसायी और रसायनज्ञ नोबेल की स्मृति में स्थापित किया था, जिन्होंने डायनामाइट का आविष्कार किया था और पांच नोबेल पुरस्कारों की स्थापना की थी. पहले विजेता राग्नार फ्रिस्क और जान टिनबर्गेन थे, जिन्होंने 1969 में ये प्राइज जीता था.
2023 में किसे मिला था ये नोबेल प्राइज?
पिछले साल हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर क्लाउडिया गोल्डिन को उनके शोध के लिए सम्मानित किया गया था, जो यह समझाने में मदद करता है कि दुनिया भर में महिलाओं के पुरुषों की तुलना में काम करने की संभावना कम क्यों है और जब वे काम करती हैं तो उन्हें कम पैसे क्यों मिलते हैं. वह 93 अर्थशास्त्र पुरस्कार विजेताओं में से केवल तीसरी महिला थीं.
हालांकि नोबेल शुद्धतावादी इस बात पर जोर देते हैं कि अर्थशास्त्र पुरस्कार तकनीकी रूप से नोबेल पुरस्कार नहीं है, फिर भी इसे हमेशा अन्य पुरस्कारों के साथ 10 दिसम्बर को दिया जाता है.
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