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कामकाजी और उच्च शिक्षा या प्रशिक्षण लेने वाली महिलाओं को राज्य सरकार सुरक्षित और सुविधाजनक स्थान पर आवास की सुविधा देगी। मिशन शक्ति के तहत संचालित केंद्र प्रायोजित ‘सखी निवास’ योजना के तहत यह आवास संचालित किया जाएगा।
पहले 8 जिलों में होगी शुरुआत
पहले चरण में राज्य के 8 जिलों यथा सरायकेला-खरसावां, देवघर, धनबाद, पलामू, गिरिडीह, बोकारो, रांची और खूंटी में संचालित किए जाएंगे। योजना में केंद्र और राज्य का हिस्सा 6040 का होगा। आवास के लिए राज्य सरकार की अनुमति मिल चुकी है। वित्तीय वर्ष 2024-2025 के लिए कुल 3.99 करोड़ (केंद्र का 2.91 करोड़ और राज्य का 1.08 करोड़) खर्च किए जाएंगे। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा सखी निवास योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
क्यों बनाया जा रहा आवास, क्या होंगी सुविधाएं
मंत्रालय अंतर्गत महिलाओं को लेकर चल रही अन्य सभी योजनाएं, उनके कौशल विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देती हैं। कोई भी योजना महिलाओं को भोजन और चिकित्सा सहायता के साथ सुरक्षित आवास जैसी सुविधाएं नहीं देतीं। केंद्र सरकार का मानना है कि ‘सखी निवास-कामकाजी महिला छात्रावास’ इस गैप को भरने का काम करेगा। प्रस्तावित सखी निवास में महिलाओं के लिए हर तरह की सुविधा उपलब्ध होगी। इसमें खाना, स्वास्थ्य सुविधा, सुरक्षा, ग्रुप एक्टिविटी, डे-केयर फैसिलिटी की सुविधा प्रमुखता से शामिल है।
आठ जिलों के लिए 1.26 करोड़ होंगे खर्च
जिन आठ जिलों में आवास निर्माण प्रस्तावित है, उसमें कुल 1.26 करोड़ रुपए वार्षिक राशि खर्च की जाएगी। रांची, खूंटी, धनबाद, देवघर, बोकारो जिलों में सरकारी भवनों में सखी निवास का संचालन किया जाएगा। इन पांच जिलों में आवास संचालन में कुल 79.93 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। गिरिडीह, सरायकेला और पलामू में सरकारी भवन उपलब्ध नहीं है। ऐसे में इन जिलों में गैर सरकारी भवनों में सखी निवास का संचालन होगा। इन तीन जिलों में एक साल का खर्च 46.45 लाख किए जाएंगे।
रहने की अवधि पांच वर्ष से अधिक की नहीं
आवास की सुविधा का लाभ कोई महिला उठा सकती है, जो एकल, विधवा, तलाकशुदा, अलग या विवाहिता हो। आवास देने में समाज के वंचित वर्गों की महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। कामकाजी माताओं के साथ आने वाली 10 वर्ष तक की लड़कियों और 12 वर्ष तक के लड़कों को साथ आवास की सुविधा मिलेगी। योजना के तहत किसी भी कामकाजी महिला को तीन साल से अधिक समय तक छात्रावास में रहने की अनुमति नहीं होगी। हालांकि विशेष परिस्थितियों में यह अवधि इस शर्त के साथ बढ़ायी जा सकती है कि विस्तार की अवधि एक वर्ष से अधिक नहीं होगी। लेकिन किसी भी परिस्थिति में महिला के रहने की अवधि पांच वर्ष से अधिक की नहीं हो पाएगा।
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