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भारी बारिश के चलते फसलों को नुकसान। किसानों के चेहरे पर चिंता।
बड़वानी जिले में बारिश का सीजन खत्म होने के बाद इन दिनों पश्चिम निमाड़ बेमौसम बारिश से भीग रहा है। बोनस के नाम से हो रही वर्षा से खेतों में लगी फसलें बर्बादी की कगार पर पहुंच गई है। सबसे ज्यादा खरीफ सीजन की नकदी फसल और सफेद सोने के नाम से प्रसिद्ध कपास
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गौरतलब है कि जिले में इस साल औसत वर्षा (743.2 मिमी) के मुकाबले अब तक वर्षा का आंकड़ा 850 मिमी से अधिक पहुंच गया है। खेतों में लगी फसलें उत्पादित होकर कटाई व चुनाई के लिए तैयारी में थी। हालांकि, पश्चिमी विक्षोभ के चलते बीते चार-पांच दिनों से हो रही तेज और झमाझम वर्षा ने खरीफ सीजन स्थिति उलट दी।
बारिश के बाद सड़क के गड्ढे में पानी भराया।
खेतों में लगे कपास के झेंडे फूटने से कपास गिर रहा है तो उत्पादन शून्यता की ओर पहुंच गया है। किसानों के अनुसार जिले में वर्तमान परिदृश्य अनुसार कपास की 70 फीसदी नुकसानी तय है। उधर मौसम विभाग की माने तो वर्षा काल के बाद अब बोनस के रूप में बेमौसम वर्षा से आंकड़ा बढ़ रहा है, लेकिन फसलों की सेहत बिगाड़ दी है। अगले 2-3 दिन तक फिलहाल मौसम खुलने के आसार नहीं है। जिले में रूक रूककर तेज-मध्यम वर्षा होती रहेगी।
दोपहर तक बूंदाबांदी, फिर झमाझम बारिश
शहर व क्षेत्र में बीते तीन दिनों से रुक रुककर तेज और हल्की बारिश का दौर जारी है। रविवार सुबह से धूप निकली थी, लेकिन उसके बाद बूंदाबांदी का दौर चला। दोपहर 3 बजे बाद फिर मौसम बदला और बादलों की गर्जना के साथ तेज और झमाझम वर्षा से शहर तरबतर हो गया है।
आज यानी सोमवार को सुबह धूप निकली फिर अचानक आसमान में बादलों की मौजूदगी दिखने लगी। शहर के मुख्य नाले में उफान देखने को मिला, तो कई जगह जल जमाव से नागरिक परेशान होते रहे।
बेमौसम बारिश ने बढ़ाई सभी की मुश्किलें।
सब्जी दुकानदारों में हड़कंप
तेज वर्षा के बाद कारगिल चौक से पालाबाजार होकर राधा मार्केट तक नाले में काफी उफान आया। इससे सड़क जलमग्न हो गई। हाट बाजार के दिन इस मार्ग पर किनारे जमीन पर अस्थाई लगी फल-सब्जी सहित अन्य दुकानदारों में हड़कंप मंच गया। नाले में वेग बढ़ते ही दुकानदारों ने सामान समेटकर सुरक्षित स्थानों पर रखा।
झमाझम बारिश के बाद फसलों का हाल।
टमाटर में भी ब्लाइंड बीमारी किसान ओमप्रकाश काग ने कहा कि बेमौसम वर्षा ने कपास, सोयाबीन सहित फसलों की हालत खराब कर दी है। प्रारंभिक आंकलन अनुसार 70 फीसदी फसलों को नुकसान हुई है। जिन किसानों ने पहले कपास निकालकर बेच दिया, वो फायदे में रहे।
वहीं नवरात्रि-दशहरा के बाद चुनाई-कटाई की तैयारी में रहे किसानों के सामने संकट छा गया है। कपास-सोयाबीन के साथ ही जिले में अधिक वर्षा से टमाटर के पौधों में ब्लाइड नामक बीमारी फैलने लगी है। इससे पौधे सड़कर नष्ट हो रहे है।
बारिश के चलते कपास की फसलों को नुकसान की आशंका।
पश्चिमी विक्षोभ का यू टर्न
कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. सुरेंद्र सिंह बड़ोनिया ने कहा- बीते दिनों महाराष्ट्र के पास बने कम दाब क्षेत्र के चलते वर्षा हो रही थी। अब पश्चिमी मप्र में विक्षोभ सक्रिय हो गया। पश्चिमी विक्षोभ के यू टर्न से अगले 2 से 3 दिन तक मौसम खुलने के आसार नहीं है।
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