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झारखंड विधानसभा चुनाव के चलते जमशेदपुर में एनजीटी के आदेश पर 161 घर तोड़ने की प्रक्रिया पर विराम लग सकता है। इसकी वजह यह है कि विधानसभा चुनाव को लेकर बहुत जल्द अधिसूचना जारी होने वाली है। इसके बाद आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी और सभी अधिकारी, कर्मचारी एवं पुलिसकर्मी ड्यूटी में व्यस्त हो जाएंगे। ऐसे में अब इस बात की आशंका कम है कि अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई होगी।
तोड़े जाने हैं 161 घर
एनजीटी ने राज्य सरकार को पर्यावरण को प्रभावित करने वाले उन घरों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है, जो किसी प्रक्रिया का पालन किए बिना नदी से सटाकर बनाए गए हैं। आदेश के बाद इन दोनों अंचलों के सीओ की ओर से सर्वे कराया गया। इनमें से 145 घर जमशेदपुर अंचल और 16 घर मानगो अंचल क्षेत्र में आते हैं।
इसके बाद इन सभी मकान मालिकों पर जेपीएलई के तहत केस दायर कर सुनवाई शुरू की गई। इसके तहत तीन नोटिस जारी करना होता है। मानगो अंचल ने तीनों नोटिस का तामिला करा सुनवाई पूरी कर ली है। सिर्फ अंतिम आदेश पारित करना है, जो विभिन्न कारणों से लटका हुआ है। जहां तक जमशेदपुर अक्षेस का मामला है, उसका तीसरा नोटिस ही अटक गया है। अब नोटिस की प्रक्रिया आगे बढ़ने की संभावना नहीं है।
राजनीतिक मुद्दा गरमाया
दरअसल, इस नोटिस को जमशेदपुर में राजनीतिक दलों ने मुद्दा बना दिया। इसके कारण धरना-प्रदर्शन होने लगे। नेताओं का कहना है कि ये गरीब लोगों के घर हैं, जिसे निशाना बनाया जा रहा है। इस बीच, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री का दौरा, ट्रांसफर-पोस्टिंग का सिलसिला शुरू हो गया, जिससे प्रक्रिया प्रभावित हुई और प्रक्रिया एक तरह से लटक गई।
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