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दिल्ली-एनसीआर में अब रात के बाद अब जहां दिन के तापमान में भी गिरावट आने की संभावना है। वहीं दिवाली से पहले दिल्ली की हवा भी ‘खराब’ होने लगी है। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले चार दिनों में अधिकतम तापमान में दो डिग्री तक की गिरावट आएगी।
दिल्ली-एनसीआर में अब रात के बाद अब जहां दिन के तापमान में भी गिरावट आने की संभावना है। वहीं दिवाली से पहले दिल्ली की हवा भी ‘खराब’ होने लगी है। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले चार दिनों में अधिकतम तापमान में दो डिग्री तक की गिरावट आएगी। इस बीच, रविवार को भी दिल्ली का न्यूनतम तापमान 20 डिग्री से नीचे रहा। दिल्ली के मौसम में अब धीरे-धीरे ठंडक का अहसास बढ़ रहा है। राजधानी के ज्यादातर हिस्सों में हालांकि धूप सुबह से ही निकल रही है, लेकिन धूप में तीखापन नहीं है।
मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली में रविवार को न्यूनतम तापमान 18.6 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 35.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो मौसम के औसत से दो डिग्री कम है। मौसम विभाग ने सोमवार को आंशिक रूप से बादल छाए रहने तथा अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना जताई है।
वहीं, रविवार की सुबह राजधानी की वायु गुणवत्ता में काफी गिरावट आई, जिसके साथ ही हवा में प्रदूषण का वह भयावह रूप देखने को मिला, जिसे विशेषज्ञ दशहरा पर पुतले जलाने से निकलने वाले धुएं और सर्दियों के मौसम की शांत परिस्थितियों के कारण मानते हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने बताया है कि दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शाम 6:31 बजे 224 रहा जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है। बता दें कि, शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ तथा 401 से 500 के बीच को ‘गंभीर’ माना जाता है।
राजधानी में हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में जा रही
प्रदूषण के चलते पराली को जलाए जाने से रोकने के लिए हर साल पहले से कदम उठाए जाते हैं। इसके चलते पहले की तुलना में पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है, लेकिन अभी भी जितनी घटनाएं हो रही हैं, वह प्रदूषण के स्तर को गंभीर श्रेणी में पहुंचाने के लिए काफी है। इसलिए पराली जलाने की घटनाओं में आई तेजी दिल्ली-एनसीआर के लोगों के लिए खास चिंता का कारण है। कंसोर्टियम फॉर रिसर्च ऑन एग्रो ईकोसिस्टम मॉनीटरिंग एंड मॉडलिंग फ्रॉम स्पेस (क्रीम्स) द्वारा दिए गए आंकड़े बताते हैं कि 15 सितंबर से लेकर 12 अक्टूबर तक पराली जलाने की घटनाओं का आंकड़ा 1500 के पार पहुंच चुका है।
भाषा के इनपुट के साथ
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