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चंडीगढ़ में 2020 से अब तक 474 नाबालिगों को हत्या, बलात्कार, शस्त्र अधिनियम उल्लंघन, हत्या का प्रयास, चोरी, छीनाझपटी, डकैती और मारपीट जैसे अपराधों में गिरफ्तार किया जा चुका है। बढ़ते हुए किशोर अपराध के मामलों ने इनके पुनर्वास की दिशा में गंभीर सवाल खड
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चौंकाने वाले आंकड़े आंकड़ों के मुताबिक, 2020 में 78 किशोरों को गिरफ्तार किया गया था, जो 2021 में 75, 2022 में 116 और 2023 में बढ़कर 151 हो गई। 2024 के पहले नौ महीनों में 54 नाबालिग गिरफ्तार हुए हैं। इनमें से 88 किशोरों को बलात्कार, हत्या और हत्या के प्रयास जैसे जघन्य अपराधों में भी पकड़ा गया। पुलिस ने 2020 से अब तक बलात्कार के लिए 34, हत्या के लिए 22 और हत्या के प्रयास के लिए 27 नाबालिगों को गिरफ्तार किया। इनमें से अधिकतर किशोर सीमित साधनों वाले परिवारों से हैं और नशे की लत के कारण अपराध की ओर अग्रसर हुए।
खेल टूर्नामेंट की योजना पुलिस द्वारा आयोजित इस खेल टूर्नामेंट में क्रिकेट, फुटबॉल, बैडमिंटन, वॉलीबॉल और कबड्डी जैसे लोकप्रिय खेल शामिल होंगे। एसएसपी कंवरदीप कौर ने बताया कि प्रत्येक आयोजन शहर के पांच उप-विभागों के अधिकार क्षेत्र में होगा और इसमें 50 से 120 नाबालिगों के भाग लेने की उम्मीद है।
इसका उद्देश्य किशोरों को सकारात्मक दिशा में मोड़ना और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का अवसर देना है। पांचों उपमंडलों के डीएसपी को निर्देश दिए गए हैं कि वे किशोरों की सूची तैयार कर उनसे खेलों में भाग लेने की सहमति प्राप्त करें।
परामर्श और पुनर्वास की पहल 22 मार्च, 2024 को पुलिस ने सेक्टर 42 में चोरी के आरोप में 11 साल से कम उम्र के पांच नाबालिगों को गिरफ्तार किया। जल्दी पैसा कमाने के लालच में वे अपराध करने लगे थे। यूटी पुलिस ने नाबालिगों को सुधार गृह नहीं भेजा, बल्कि उन्हें वापस स्कूल में दाखिला दिलाने की योजना बनाई है।
इसके अलावा, 2017 में यूटी पुलिस ने कॉलोनियों और गांवों के युवाओं को कौशल विकास कार्यक्रमों के तहत रोजगार के अवसर प्रदान करने की पहल की थी, ताकि उन्हें अपराध की दुनिया से दूर रखा जा सके।
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