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उज्जैन जिले से 50 किलोमीटर दूर नागदा तहसील में शनिवार को कई लोग माता जी की मूर्ति के विसर्जन करने चंबल नदी पर गए थे। इस दौरान नदी में पानी ज्यादा होने के कारण पुलिस ने भीड़ को नदी पर नहीं जाने दिया।
मध्य प्रदेश में पिछले दो दिनों में पुलिस के साथ अभद्रता, धक्का मुक्की और धमकी देने का तीसरा मामला सामने आया है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के भतीजे और भाजपा के मंत्री प्रहलाद पटेल के बाद अब तीसरा मामला उज्जैन के नागदा का है जंहा कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत का पोता और पूर्व विधायक जितेंद्र गहलोत के बेटों के साथ 2 अन्य लोगों को नदी पर जाने से रोका तो उन्होंने महिला एसआई के साथ अभद्रता की। इतना ही नहीं वीडियो बना रहे पुलिसकर्मियों से मोबाइल छीनने का प्रयास किया। मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने कहा कि उन्हें रोकने का प्रयास किया गया था, इसके अलावा कोई बात नहीं। हालांकि वीडियो में विशाल पुलिसकर्मियों को रिकार्डिंग बंद करने की धमकी देते हुए नजर आ रहा है।
उज्जैन जिले से 50 किलोमीटर दूर नागदा तहसील में शनिवार को कई लोग माता जी की मूर्ति के विसर्जन करने चंबल नदी पर गए थे। इस दौरान नदी में पानी ज्यादा होने के कारण पुलिस ने भीड़ को नदी पर नहीं जाने दिया। लेकिन नदी पर जाने की बात पर कर्नाटक के राज्यपाल के पोते और भाजपा के वरिष्ठ नेता के परिवार के कुछ लोग पुलिस से भीड़ गए। राज्यपाल थावरचंद गहलोत के पोते ने महिला एएसआई से विवाद किया और वीडियो बना रहे पुलिसकर्मियों से मोबाइल छीनने की कोशिश की।
मिली जानकारी के अनुसार शनिवार नवरात्रि समापन पर माता की मूर्तियों का विसर्जन करने गए पूर्व विधायक जितेंद्र गहलोत का बेटा विशाल गेहलोत, धीरज गेहलोत, सहित गेहलोत परिवार के दो अन्य लोगों को पुलिस ने आगे जाने से रोक दिया। इस दौरान विशाल को नदी पर जाता देख मौके पर मौजूद एएसआई पूजा राठौर ने उसे रोकने का प्रयास किया। इसी बात पर विशाल पुलिस से भीड़ गया। विशाल को विवाद करता देख पुलिसकर्मी वीडियो बनाने लगे, तब विशाल और उसके साथियों ने धमकी देते हुए मोबाइल छीनने की कोशिश की।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नीतेश भार्गव ने चर्चा में बताया कि नदी पर सिर्फ पांच लोगों को जाने की अनुमति थी। कुछ लोग ज्यादा संख्या में जा रहे थे। उन्हें रोकने का प्रयास किया गया, इसके अलावा कोई बात नहीं हुई है। इसलिए मामले में किसी के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
रिपोर्ट विजेन्द्र यादव
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