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झारखंड के गढ़वा में मूर्ति विसर्जन को लेकर भारी बवाल हो गया। दरअसल, शनिवार को सदर प्रखंड के लखना गांव में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने दुर्गा प्रतिमा विसर्जन करने जा रहे लोगों का रास्ता रोक दिया। दोनों समुदाय के बीच भारी बवाल हुआ। यहां तक पत्थरबाजी भी हुई जिसमें एक महिला सहित तीन लोग घायल हो गए हैं। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल पहुंची। प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद गांव में मूर्ति विसर्जन का विवाद करीब 12 घंटे बाद सुलझा लिया गया है। समझौते के बाद करुआ कला तालाब में मूर्ति का विसर्जन किया गया।
इलाके वाली लड़ाई में हिंदू-मुस्लिम में क्या समझौता
दरअसल, मुस्लिम समुदाय के लोगों का कहना है कि हर साल इस रास्ते से मूर्ति विसर्जन के लिए नहीं जाया जाता था। नए रास्ते से विसर्जन के लिए जाने पर भारी बवाल शुरू हो गया। करीब 12 घंटे तनाव के बाद दोनों समुदाय के बीच समझौता हो गया है। यह तय किया गया है कि मुस्लिमों के त्योहार पर जुलूस हिंदू आबादी से होकर नहीं गुजरेगा। इसे लेकर दोनों पक्षों ने सहमति पत्र पर साइन भी किया है।
12 घंटे बाद हुआ मूर्ति विसर्जन
जानकारी के मुताबिक, रविवार तड़के करीब चार बजे वहां से लौटकर प्रतिमा का विसर्जन करूआ कला गांव स्थित तालाब में किया गया। विवाद में हुए पथराव में एक महिला सहित तीन लोग घायल हुए थे। गंभीर रूप से घायल दो लोगों को प्राथमिक इलाज के बाद रिम्स रेफर कर दिया गया जबकि महिला का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है।
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झारखंड के दुमका जिले में शनिवार को 26 साल की एक महिला ने कथित तौर पर ट्रेन के आगे कूदकर खुदकुशी कर ली। मृत महिला की पहचान बागझोपा निवासी सेंदो देवी के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि महिला पति द्वारा दशहरा के अवसर पर साड़ी नहीं दिलाए जाने से नाराज थी। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘महिला ने दशहरा के लिए नयी साड़ी मांगी थी, लेकिन उसका पति ट्रैक्टर चालक है और वह साड़ी खरीदने में असमर्थ था। इस कारण उसने (महिला ने) यह कदम उठाया। महिला के दो बच्चे हैं, जो कि नाबालिग हैं। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और जांच जारी है।’
(भाषा इनपुट के साथ)
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