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हनुमान जी के स्वरूप झज्जर की पहचान, दशहरा पर्व की शान है। विजय दशमी के पर्व पर झज्जर में प्रभु राम भक्त हनुमान स्वरूप की परंपरा है। कहा जाता है कि अगर झज्जर के बच्चों से इन दिनों पूछे कि आप बड़े होकर क्या बनोगे, तो उनका एक ही जवाब होगा वह हनुमान बनेंगे। पंडित पवन कौशिक ने कहा कि मुकुट वाले हनुमान जी शक्ति और भक्ति का प्रतीक है। सुधांशु हंस ने बताया कि मंिदर समिति के सदस्यों ने स्व: उत्तम चंद वर्मा की पुण्यतिथि पर दो मिनट का मौन रख उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
विजय दशमी के उपलक्ष्य में शहर में हरिपुरा मढ़ी माता मंदिर, मेन बाजार हनुमान मंदिर, बूढ़ा महादेव मंदिर एवं बाबा कांशीगिरि से हेमन्त महाराज, मनोहर महाराज, शिवम महाराज, राधव महाराज, नयन महाराज, गुलशन महाराज, लोकेश महाराज, भवित महाराज सहित समितियों के युवाओं ने हनुमान स्वरूप मुकुट धारण कर जय श्री राम जय बजरंगी के नारे लगाते हुए शहर के मैन बाजार, मां वैष्णों चौक, चौपटा बाजार, श्री महावीर जैन मंदिर, कुलदीप चौक, दुहन चौक, महाराजा अग्रसेन चौक से होते हुए रामलीला मैदान तक हनुमान जी की शोभायात्रा निकाली। वहीं डीजे, ढोल एवं ताशों से निकलने वाली ध्वनि से वातावरण में वीर रस का संचार हो उठा जिसे सुनकर लगता है की वास्तव में श्री राम जी की यह सेना युद्ध अभियान पर निकली है। केसरी रंग में रंगे बजरंग बली के भक्त उत्साह और जोश के साथ अकेला सब पर भारी, उसने ऐसी गदा चलाई एक वानर ने लंका जलाई, बजरंगी ने लंका जलाई.. भक्ति गीतों पर नाचते गाते हुए रावण दहन के लिए बहादुरगढ़ रोड़ स्थित श्री प्राचीन रामलीला दशहरा मैदान में चल रही रामलीला के मंच पर पंहुचे।
हनुमान जी अपने आराध्य प्रभु श्री राम का आशीर्वाद लिया। लंका दहन के उपरांत लोगों ने प्रभु श्री राम की पसंदा मिठाई जलेबी का भोग लगाकर प्रसाद वितरित किया। समिति के कोषाध्यक्ष वी के शर्मा ने बताया कि शनिवार को रामलीला मैदान की ओर रवाना होने से पूर्व मन्दिर बाबा कांशीगिरि में पं. पवन कौशिक द्वारा हनुमान के रूपों की पूजा -अर्चना, आरती कराई। मंदिर समिति के प्रधान हिमांशु हंस ने बताया कि दशहरा पर्व की सभी को शुभकामनाएं दी और कहा कि हनुमान जी की सेवा का मौका भाग्यशाली को मिलता है। श्री वीर हनुमान सेवा समिति के संयोजक सुभाष वर्मा, हिमांशु हंस, भारत भूषण नंदा, सुधांशु हंस, विनोद भूटानी, दिनेश दुजाना, भवित, सक्षम, सुन्दर वर्मा, तरुण, राघव नन्दा, सहित उनकी सेना की टीम के सदस्यों ने श्रद्धा और भक्ति भाव से सेवा करने पर आभार व्यक्त किया। सुधांशु हंस ने बताया कि सुभाष वर्मा के पिता स्व. उत्तम चंद द्वारा कई बार मुखौटा धारण किया गया था। मुखौटा का चेहरा पानीपत से पूरी भक्ति भाव श्रद्धा से सिद्ध श्री बाबा कांशी गिरि सेवा समिति द्वारा लाया गया था। आमंत्रित श्रद्धालुओं के निवास व प्रतिष्ठान पर छोटे बच्चों को उनके उज्जवल भविष्य एवं घर-परिवार की समृद्धि के लिए आशीर्वाद देते है।
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