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दिल्ली के तिलक नगर इलाके में 13 साल पहले हुई हत्या की एक वारदात का फरार आरोपी आखिरकार पुलिस की गिरफ्त में आ गया। पुलिस ने उसे झारखंड के जंगलों से गिरफ्तार किया। इस मर्डर को छह आरोपियों ने अंजाम दिया था। इनमें से पांच आरोपी तो पहले ही पकड़ा चुके थे, लेकिन एक आरोपी अबतक फरार था। जिसके बाद पुलिस ने उस पर 50 हजार रुपए का इनाम भी घोषित कर रखा था।
मामले में जानकारी देते हुए शनिवार को पुलिस उपायुक्त (अपराध) एसके सेन ने बताया कि ’13 साल पहले संपत्ति विवाद को लेकर जितेंद्र लांबा की हत्या हुई थी। यह एक सुपारी हत्या (कॉन्ट्रेक्ट किलिंग) थी, जिसके लिए जितेंद्र के सगे भाई राजेश सिंह लांबा ने हत्यारों को 10 लाख रुपए दिए थे। इस वारदात में राजू बनारसी उर्फ राजू सिंह उर्फ मृत्युंजय सिंह समेत छह लोग शामिल थे।’
अधिकारी ने बताया, ‘छह में से पांच आरोपियों को तो पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन बनारसी फरार हो गया था। अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था और उसकी गिरफ्तारी पर 50,000 रुपए का नकद इनाम भी घोषित किया था।’
सेन ने बताया कि आरोपी तक पहुंचने से पहले तक पुलिस को कई असफलताओं का सामना करना पड़ा और पुलिस के पास उसका कोई सुराग भी नहीं था। लेकिन फिर भी टीम ने जबरदस्त मेहनत करते हुए गिरफ्तार आरोपियों के साथ-साथ उनके दोस्तों के पिछले दस सालों के कॉल रिकॉर्ड्स खंगाले और सैकड़ों मोबाइल नंबरों का विश्लेषण करने के बाद आखिरकार बनारसी के दूर के रिश्तेदार का मोबाइल फोन झारखंड में सक्रिय पाया।’
‘नंबर की लोकेशन लगातार छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा के वन क्षेत्रों में दिख रही थी। इसके बाद पुलिस टीम लोकेशन वाले क्षेत्र में पहुंची और स्थानीय मजदूरों के साथ काम शुरू किया, ताकि जंगल में आसानी से पहुंच बनाई जा सके, क्योंकि इतने घने जंगल में व्यक्ति को ढूंढना मुश्किल था।’
आगे उन्होंने बताया, ‘इस दौरान टीम ने अपने सूत्रों को विकसित किया और एक चतुर और रणनीतिक जाल बिछाते हुए आखिरकार जंगल क्षेत्र में ट्रक चला रहे बनारसी को पकड़ने में सफलता हासिल की।’ पुलिस ने कहा कि 50 साल को अविवाहित बनारसी एक रिश्तेदार की मदद से जंगल क्षेत्र में रह रहा था।
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