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दीपावली के पर्व पर सजावट की तैयारी शहर में चल रही है। इन दिन बाजारों में चीनी उत्पादों का बहिष्कार खुलकर नजर आया। जहां पर चाइनीज उत्पादों की जगह स्वदेशी हस्त निर्मित विभिन्न प्रकार की डिजाइनों में दीपक बाजार में आकार्षण का केंद्र बने हुए है। इस बार म
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गाय के गोबर से बने दीपक इस बार बाजार में आए नजर
मोनिका गुप्ता ने बताया कि 2000 महिलाएं राज्य भर में गोमाता के गोबर से दीपक बनाने के कार्य में जुटी हुई है, जो कि दीपक बना करके विभिन्न हस्तनिर्मित कलात्मक रंगों जैसे सुनहरा, नीला, पीला, हरा, गुलाबी, लाल के द्वारा सुन्दर सज़ावट करके 30 दीपकों का सेट मात्र रु० 150/- में बेचे जा रहे हैं l यह दीपक ऑनलाइन, सोशल मीडिया, राज्यवार, जिलेवार, सरकारी संगठन, गैर-सरकारी संगठन के माध्यम से भी बढ़ावा दिया जा रहा है l
गाय के गोबर से बने डिजाइन वाले दीपक।
अमेरिका की संस्था ने मंगवाए गाय के गोबर से बने दीपक
अभी हाल में अमेरिका की एक संस्था द्वारा 10 लाख दीपकों के निर्यात का आर्डर प्राप्त हुआ है, जिसको लेकर बहुत उत्साह का वातावरण बना हुआ है l इसी तरह अन्य देशों से भी गाय के गोबर से बने दीपकों के आर्डर की प्रक्रिया जारी है l
गाय के गोबर में रेडिएशन से बचाव का अद्भुत तत्व मौजूद होता है।
गाय के गोबर से बने महिलाओं के आभूषण सेट
इसी क्रम में गाय की गोबर से बने महिलाओं के सम्पूर्ण आभूषण सेट भी स्वयं सहायता समूह के माध्यम से बनाये जा रहे हैं l इन आभूषणों के माध्यम से महिलाएं जैविक रूप से अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो सकेंगी l गाय के गोबर में रेडिएशन से बचाव का अद्भुत तत्व मौजूद होता है। जिससे महिलाएं साज-सज्जा के साथ अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रख सकेंगी l
2000 महिलाएं राज्य भर में गोमाता के गोबर से दीपक बनाने के कार्य में जुटी हुई है
राजस्थान राज्य शौर्य व वीरता के प्रतीक के रूप में पूरी दुनिया में विख्यात है l लेकिन हाल के 8-10 वर्षों में एक संस्था द्वारा ग्रामीण महिलाओं हेतु हैनिमन चेरिटेबल मिशन सोसाइटी की सचिव मोनिका गुप्ता के द्वारा एक अनूठा प्रयास किया जा रहा है l गौरतलब है कि मोनिका गुप्ता द्वारा पिछले 15 वर्षों में 7000 स्वयं सहायता समूह का निर्माण किया गया l यह स्वयं सहायता समूह राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों से सम्बन्ध रखते हैं l जो स्वयं सहायता समूह के माध्यम से भारत के प्रधान मंत्री माननीय नरेंद्र मोदी को सशक्त बनाने मने महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है l एक स्वयं सहायता समूह में लगभग 10 महिलाएं होती हैं जो कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों का काफी हिस्सा रोज़गार को बढ़ावा देने में प्रयासरत हैं l
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