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खरगोन में बारिश की वजह से क्षत्रिय भावसार समाज के परंपरागत खप्पर कार्यक्रम की जगह बदलनी पड़ी। श्री सिद्धनाथ महादेव मंदिर प्रांगण की बजाय क्षत्रिय भावसार समाज धर्मशाला में खप्पर का आयोजन हुआ। शनिवार अल सुबह 4.20 बजे मां महाकाली की शेर पर सवारी निकली।
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इस दौरान माता की निमाड़ी गरबियों से वंदना की गई। वे 50 मिनट तक रमती रही। सर्वप्रथम गणेशजी सवारी में निकले, उसके बाद भगवान नृसिंह और हिरण्यकश्यप की सवारियां भी निकली। हिरण्यकश्यप के वध के साथ दो दिवसीय खप्पर कार्यक्रम का समापन हुआ।
406 सालों में 1989 के बाद दूसरी बार बदली जगह
खप्पर आयोजन समिति अध्यक्ष डॉ. मोहन भावसार ने बताया कि भावसार क्षत्रिय समाज 406 वर्षों से खप्पर की परंपरा निभा रहा है। 1989 में कर्फ्यू के दौरान भी ऐसी स्थिति बनी थी, तब भी समाज की धर्मशाला में आयोजन हुआ था। 35 साल बाद बारिश की वजह से यह स्थिति बनी।
मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र भावसार लाला ने बताया कि 12 से 25 वर्ष की टीम ने गरबियों की प्रस्तुतियां दी। महाकाली वेश में लाला जगदीश भावसार, भगवान नृसिंह अभिषेक नंदकिशोर भावसार और हिरण्यकश्यप उदित संतोष भावसार बने थे।
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