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गोगुंदा के पास ढोल गांव में शनिवार शाम को लेपर्ड को पकड़ने के लिए लगाया पिंजरा
गोगुंदा के जंगलों के आसपास रहने वाले लोगों में लेपर्ड के लगातार बढ़ते मूवमेंट से इंसानों में खौफ है वहीं वन विभाग बड़े संशय में है कि एक दिशा में लेपर्ड पकड़ रहे और दूसरी दिशा में लेपर्ड हमले कर रहा है। केलवों का खेड़ा और राठौड़ों का गुड़ा के पास के
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इस बीच एक दिन पहले कमोल में इंसान पर हमला करने के बाद मृत करने के बाद मृत मिले लेपर्ड को लेकर एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर आया है। इसमें वहां आक्रोशित ग्रामीण लेपर्ड के मृत होने के बाद भी उसको पीट रहे थे। वीडियो में लोगों में काफी आक्रोश देखा गया।
इधर, ढोल ग्राम पंचायत के आसपास लेपर्ड के इंसानों पर हमले के प्रयास के बाद लोगों ने गुस्सा जाहिर करते हुए चेतावनी दी तो शुक्रवार की शाम बाद गांव में वन विभाग ने पिंजरा लगाया और वहां पर भी लेपर्ड पर निगरानी शुरू की। पिंजरे में एक पालतू कुत्ते को रखा गया है कि अगर लेपर्ड इसका शिकार करने के लिए आता है तो पिंजरे के दूसरे भाग में लेपर्ड कैद हो जाएगा जबकि पहले पार्ट में कुत्ता रखा गया है। दो दिन पहले गांव के सरपंच मोहन लाल गमेती, ग्रामीण कालू सिंह, भैरूलाल व लक्ष्मण सिंह सहित कई लोगों ने पिंजरा लगाने की मांग करते हुए कहा कि ऐसा नहीं हुआ तो वे धरना देंगे।
पहले लेपर्ड का यहां रहा मूवमेंट, सर्वाधिक ढोल में
- ढोल ग्राम पंचायत के ढोल गांव के कालू सिंह
- ढोल के वाटों का गुड़ा की चपली बाई पर लेपर्ड ने हमले की कोशिश की थी।
- ढोल गांव में चुनपूरी के बाड़े में बंधी गाय और उसके बछड़े पर लेपर्ड ने हमला किया।
- पदराड़ा ग्राम पंचायत के पदराड़ा गांव में पूर्व सरपंच हरि सिंह राणावत के घर के परिसर में बंधे दो बछड़ों का शिकार किया था।
- नान्देशमा ग्राम पंचायत के चारों मार्गों पर लेपर्ड दिखाई दिया। दो दिन पहले ही नांदेशमा के पास गरबा पांडाल के पास लेपर्ड सड़क से गुजर रहा था।
- मादड़ी चापर के पास स्थित पेट्रोल पंप के सामने भी लेपर्ड दिखाई दिया था।
- सायरा थाने से 5 किलोमीटर दूर बौखाड़ा ग्राम पंचायत के चावड़ावास में लेपर्ड ने दो बकरियों का शिकार किया था।
ढोल के पास कमोल में देवाराम पर हमला किया था शुक्रवार को ढोल से करीब 9 किलोमीटर दूर ही लेपर्ड ने कमोल गांव में देवाराम (55) के घर में घुस पहले बाड़े में बंधी गायों पर अटैक किया था। बाद में वहां आए देवाराम पर लेपर्ड ने हमला कर दिया। उनके दोनों हाथों को भी जबड़े में दबा लिया और पंजों से भी कई बार वार किया। देवाराम अस्पताल में भर्ती है और बाद में वहां लेपर्ड की मौत हो गई। लेपर्ड के शव पर धारदार हथियार के निशान हैं। हालांकि, अब तक ये स्पष्ट नहीं है कि लेपर्ड को कब और कैसे हथियार से मारा गया है।
इनपुट: लखन सालवी
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