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दिल्ली की लैंडफिल साइट पर पड़े कचरे को साफ करने की धीमी गति पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने चिंता जाहिर की है। राजधानी में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए हुई बैठक की अध्यक्षता कर रहे प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्र ने कहा कि मौजूदा कानूनों को सख्ती से लागू करना चाहिए।
दिल्ली की लैंडफिल साइट पर पड़े कचरे को साफ करने की धीमी गति पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने चिंता जाहिर की है। राजधानी में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए गठित उच्च स्तरीय कार्यबल की शुक्रवार को बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता कर रहे प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्र ने कहा कि मौजूदा कानूनों को सख्ती से लागू करना चाहिए।
उन्होंने लैंडफिल साइटों की निकासी की धीमी गति और नगर निगम द्वारा कचरे से बिजली बनाने की योजनाओं के कार्यान्वयन में देरी पर भी चिंता जताई। बैठक में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए तात्कालिक और दीर्घकालिक उपायों को लागू करने में दिल्ली सरकार और अन्य हितधारकों की तत्परता का आकलन किया गया।
दिल्ली के मुख्य सचिव ने वर्ष 2024 के लिए शहर की वायु गुणवत्ता प्रबंधन प्रयासों पर व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि मुख्य रूप से निर्माण संबंधित धूल, बायोमास जलाने और वाहन से होने वाले उत्सर्जन का वायु प्रदूषण में योगदान बना हुआ है। मौसम के कारकों के चलते खासकर सर्दियों में हालात ज्यादा बिगड़ जाते हैं। बैठक में एमओएचयूए सचिव, दिल्ली पुलिस, दिल्ली नगर निगम, डीडीए, एनडीएमसी, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग समेत तमाम विभागों के उच्च अधिकारी मौजूद रहे।
धूल नियंत्रण के पर्याप्त उपाय जरूरी : मिश्र
बैठक में डॉ. मिश्र ने वायु गुणवत्ता से जुड़े मुद्दों पर चिंता व्यक्त करते हुए मौजूदा कानूनों को सख्ती से लागू करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सड़कों और निर्माण दोनों गतिविधियों में धूल नियंत्रण के पर्याप्त उपाय किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने सड़कों के मध्य स्थित जगहों को हरा-भरा करने और धूल से बचने के लिए पैदल पथों और सड़कों के किनारे खुले क्षेत्रों को पक्का करने या हरा-भरा करने पर मिशन मोड में काम करने का आग्रह किया।
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